गाजावासियों की मुश्किलों में होगा इजाफा, मदद पहुंचा रही यूएन एजेंसी पर इजरायल ने लगाया बैन

यरूशलम :  इजरायल की संसद ‘नेसेट ‘ने एक कानून पारित कर नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को इजरायल में काम करने से रोक दिया। इजरायल के सरकारी कान टीवी न्यूज ने बताया कि नया कानून, जिसे 120 में से 92 संसद सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों के विरोध के बावजूद पारित हो गया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कानून में यह प्रावधान है कि यूएनआरडब्ल्यूए इजराइली क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रतिनिधित्व, सेवाएं या कोई गतिविधि संचालित नहीं करेगा। कानून के स्पष्टीकरण नोट में कहा गया, “चूंकि यह साबित हो चुका है कि यूएनआरडब्ल्यूए और उसके कर्मचारी इजरायल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेते हैं और उनमें शामिल हैं, इसलिए यह प्रस्ताव स्थापित करता है कि इजरायल अपने क्षेत्र में एजेंसी की सभी गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई करेगा।” एक्स पर एक पोस्ट में, यूएनआरडब्ल्यूए के कमिश्नर जनरल फिलिप लाजारिनी ने कहा कि इजरायली संसद का यूएनआरडब्ल्यूए के खिलाफ वोट ‘अभूतपूर्व है और एक खतरनाक मिसाल कायम करता है।’

लाजारिनी ने लिखा, “यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का विरोध करता है और अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत इजरायल राज्य के दायित्वों का उल्लंघन है… ये विधेयक फिलिस्तीनियों की पीड़ा को और बढ़ाएंगे, खासकर गाजा में जहां लोग एक साल से भी अधिक समय से नरक से गुजर रहे हैं।” गाजा पट्टी पर चल रहे इजरायली हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 43,000 के पार हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पिछले 48 घंटों के दौरान, इजरायली सेना के हमलों में 96 लोग मारे गए और 277 अन्य घायल हो गए, जिससे अक्टूबर 2023 की शुरुआत में फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से कुल मृतकों की संख्या 43,020 और घायलों की संख्या 101,110 हो गई। बयान में कहा गया कि कई पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे हैं और एम्बुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल उन तक पहुंचने में असमर्थ हैं।

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