जम्मू में ‘नए मतदाताओं’ के पंजीकरण पर पीडीपी ने आयोग, भाजपा पर बोला हमला

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को चुनाव
आयोग के जम्मू में ‘नए मतदाताओं’ के पंजीकरण संबंधी आदेश की आलोचना की। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सूबे को धार्मिक और क्षेत्रीय स्तर पर बांटने की कोशिश कर रही है और इन प्रयासों को सफल नहीं होने दिया जाना चाहिए। उधर फ़ारूक़ अब्दुल्ला की नैशनल कांफ्रेंस ने भी इसी मसले पर आयोग और भाजपा को आड़े हाथ लिया है।

पीडीपी प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा कि आयोग का जम्मू में नए मतदाताओं के पंजीकरण से जुड़ा आदेश निंदनीय है और लोगों को क्षेत्र के आधार पर बबांटने की भाजपा की कोशिश का हिस्सा है।

महबूबा ने कहा – ‘जम्मू-कश्मीर को धार्मिक और क्षेत्रीय स्तर पर बांटने के बीजेपी की कोशिशों को नाकाम किया जाना चाहिए। चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम एकसाथ आकर कोशिश करेंगे।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने आदेश में नए मतदाताओं के पंजीकरण को मंजूरी देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू में भारत सरकार औपनिवेशिक सोच के तहत मूल निवासियों को विस्थापित कर नए लोगों को बसाने के लिए कार्रवाई कर रही है।

इस बीच फ़ारूक़ अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी इस फैसले की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा चुनाव से डरी हुई है और उसे पता है कि उसकी बड़ी हार होगी।

पार्टी के ट्वीटर हैंडल पर कहा गया है – ‘सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता बनाने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है। हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे। भाजपा चुनाव से डरी हुई है और उसे पता है कि उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों को चुनाव में इस साजिश का जवाब देना चाहिए।’

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