पीएम ने लॉन्च की ‘PM भारतीय जन उर्वरक परियोजना’, किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त भी जारी की

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को दिल्लीस्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम किसान योजना के तहत किसानों के लिए 16 हजार करोड़ रुपये की 12वीं किस्त भी जारी की गई। दिवाली से पहले पीएम मोदी ने किसानों को ये तोहफा दिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना’ का शुभारंभ भी किया।

पीएम मोदी द्वारा क़िस्त जारी करते ही देश के 11 करोड़ किसानों के खाते में 2 हजार रुपये की राशि पहुंच गई। वहीं ‘पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022’ आयोजन को देखने के लिए देश भर के 13,500 से अधिक किसान दिल्ली पहुंचे हैं। इसके साथ ही लगभग 1500 कृषि स्टार्टअप भी यहां मौजूद हैं

वहीं ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना’ के शुभारंभ के साथ ही देशभर में 600 से अधिक किसान समृद्धि केन्द्रों की शुरुआत हुई। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “आज देश में 600 से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है। किसान समृद्धि केंद्र किसान के लिए सिर्फ उर्वरक खरीद और बिक्री का केंद्र नहीं है, ये एक संपूर्ण रूप से किसान के साथ घनिष्ट नाता जोड़ने वाला, उसकी हर आवश्यकता में मदद करने वाला केंद्र है।”

पीएम मोदी ने कहा, “वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसान को हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है और बेहतर खाद भी उपलब्ध होने वाली है। देश में अब एक ही नाम, एक ही ब्रांड से और एक समान गुणवत्ता वाले यूरिया की बिक्री होगी। ये ब्रांड है – भारत। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर के लिए भारत अब तेजी से लिक्विड नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है। नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक प्रोडक्शन का माध्यम है। जिसको एक बोरी यूरिया की जरूरत लगती है वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बॉटल से हो जाता है। ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है।” बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए ईकेवाईसी करवाना अनिवार्य है

प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों को एक छत के नीचे सभी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से खोला गया है। किसान समृद्धि केंद्र से किसान उर्वरकों, कीटनाशकों की खरीदारी करने के साथ-साथ फार्म इक्विपमेंट, मशीनरी आदि भी किराए पर ले सकेंगे। इसके साथ ही किसान समृद्धि केंद्रों में सरकारी योजनाओं के प्रति किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। हर महीने किसानों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों द्वारा कृषि परामर्श दिया जाएगा।

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