भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने, ऐसा करने वाले पहले नेता

Published Date: 25-10-2022

भारतीय मूल के ऋषि सुनक लिज़ ट्रस के इस्तीफा देने के बाद निर्विरोध ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। पहले उनके मुकाबले खड़े पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन और उसके बाद पेनी मोर्डंट खुद को पीएम दौड़ से अलग कर लिया जिसके बाद सुनक निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुन लिए गए। ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार कोई भारतीय मूल का व्यक्ति पीएम बनने जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर पीएम मोदी तक ने सुनक को ब्रिटेन का पीएम बनने पर बधाई दी है।

पहले से ही लग रहा था कि बोरिस जॉनसन सुनक का विरोध करेंगे और हुआ भी ऐसी ही है। हालांकि, सदस्यों में अपने प्रति कम समर्थन देखते हुए जॉनसन ने रविवार को ही प्रधानमंत्री की दौड़ से ये कहते हुए हाथ खींच लिया कि उन्हें अगले चरण में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सांसदों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक से वे काफी पीछे हैं।

इसके बाद मैदान में उनकी इकलौती प्रतिद्वंदी पेनी मोर्डंट भी मुकाबले से हट गईं। कमोवेश सभी सर्वे में सुनक की बढ़त दिखाई गयी थी। इसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी ने सुनक को निर्विरोध अपना नेता चुना चुन लिया।

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा – ‘यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय मूल के ऋषि सुनक का चुनाव बहुत आश्चर्यजनक और ग्राउंड ब्रेकिंग माइलस्टोन है। रोशनी का त्योहार एक सीख है कि हम में से प्रत्येक के पास अंधेरे को दूर करने और दुनिया में प्रकाश लाने की शक्ति है।’

इस बीच ऋषि सुनक को भेजे बधाई संदेश में पीएम मोदी ने ‘2030 रोडमैप’ पर बात की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मैत्री का नया अध्याय लिखा जाएगा।

उधर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद ऋषि सुनक ने कहा – ‘मैं अपने साथी सांसदों का समर्थन पाने और नेता चुने जाने के बाद खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। मैं इस जिम्मेदारी को विनम्रता से स्वीकार करता हूँ।’

इससे पहले पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया। ब्रिटेन के वित्त मंत्री रहे सुनक (42) को कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन मिला जबकि उन्हें जीत के लिए कम से कम 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी।

सांसदों की प्रभावशाली समिति 1922 के प्रमुख सर ग्राहम ब्रैडी ने नाम वापस लेने के आखिरी दिन स्थानीय समयानुसार दो बजे संसद परिसर में घोषणा की – ‘मुझे केवल एक नामांकन मिला है, लिहाजा सुनक नेता बनने की दौड़ में विजयी रहे हैं।’

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