केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, शीतकालीन सत्र मेंराजद्रोह क़ानून पर कर सकते हैं कुछ फैसला

Published Date: 31-10-2022

केंद्र सरकार संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में राजद्रोह क़ानून को लेकर कोई  फैसला कर सकती है। इस तर्क के साथ केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले से जुड़ी सुनवाई टालने का आग्रह किया था। अब अदालत ने सोमवार को केंद्र के आग्रह को स्वीकार करते हुए जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई का फैसला किया है। हालांकि, तब तक केंद्र सरकार को राजद्रोह क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट की पहली से लगी  रोक का पालन करना होगा।

सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के सुनवाई टालने के आग्रह को स्वीकार कर लिया। जिन याचिकाओं में पहले नोटिस जारी नहीं हुआ, अब उनमें भी नोटिस जारी किया गया है। केंद्र सरकार 6 हफ्ते में इनका जवाब देगी। सुप्रीम कोर्ट अगले साल जनवरी के दूसरे हफ्ते में इस मामले पर दोबारा सुनवाई करेगा।

प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच सुनवाई कर रही है। याद रहे मई में सर्वोच्च अदालत ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को राजद्रोह कानून की आईपीसी की धारा 124ए के तहत कोई मामला दर्ज नहीं करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों पर समीक्षा की अनुमति भी दी है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि राजद्रोह कानून की समीक्षा होने तक सरकारें धारा 124ए में कोई केस दर्ज न करे और न ही इसमें कोई जांच करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कि अगर राजद्रोह के मामले दर्ज किए जाते हैं, तो वे पक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं। अदालतों को ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा करना होगा।

Related Posts

About The Author