सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगली सुनवाई के लिए 6 दिसंबर को तारीख तय की है।
प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सोमवार को कहा कि तीन हफ्ते में असम और त्रिपुरा को जवाब दाखिल करना है। सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील पल्लवी प्रताप और केंद्र की ओर से कनु अग्रवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। दोनों सारे दस्तावेज एक साथ कर मामलों का बंटवारा करेंगे और पक्षों को देंगे।
अदालत ने सभी पक्षों को तीन पेज की लिखित दलील देने को कहा है। अगले दो हफ्ते में याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है। कुल 232 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है।
सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर रोक लगाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और जवाब मांगा था।
याद रहे सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए कांग्रेस, त्रिपुरा राजपरिवार के वंशज प्रद्योत किशोर देव बर्मन और असम गण परिषद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), कांग्रेस सांसद जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, असदुद्दीन औवैसी, सीपीआई, डीएमके, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू), पीस पार्टी, गैर सरकारी संगठन रिहाई मंच और सिटिजंस अगेंस्ट हेट, अधिवक्ता एमएल शर्मा और कानून के कई छात्रों की तरफ से याचिकाएं दायर की गईं हैं।