उत्तर कोरिया की तरफ से बुधवार को विवादित समुद्री सीमा के दक्षिण में और दक्षिण कोरिया के क्षेत्रीय जल के करीब एक के बाद एक दस मिसाइलें दागने के बाद दक्षिण कोरिया ने अपने द्वीप के लिए पहली बार किसी हवाई हमले की चेतावनी जारी की है। घटना की गंभीरता को देखते हुए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाई।
दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) आई कांग शिन-चुल ने मीडिया के लोगों को बताया – ‘उत्तर कोरियाई मिसाइल प्रक्षेपण बहुत ही असामान्य और अस्वीकार्य है, क्योंकि यह पहली बार उत्तरी सीमा रेखा के दक्षिण में दक्षिण कोरियाई क्षेत्रीय जल के करीब गिरी। हमने उल्लुंगडो द्वीप पर हवाई हमले की चेतावनी जारी की थी, जिसे राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिखाया गया था और निवासियों के लिए चेतावनी जारी की गई।’
बता दें उत्तर कोरिया का यह मिसाइल प्रक्षेपण सियोल और वाशिंगटन के सबसे बड़े संयुक्त हवाई अभ्यास के बाद हुआ है। विजिलेंट स्टॉर्म नाम के इस साझे हवाई अभ्यास के तहत दोनों पक्षों के सैकड़ों युद्धक विमान शामिल हुए हैं।
प्रमुख सेना अधिकारी ने कहा कि प्योंगयांग (उत्तर कोरिया) की एक मिसाइल उत्तरी सीमा रेखा के दक्षिण में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में उतरी थी, जो दोनों देशों के बीच विवादित समुद्री सीमा है। उधर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने लॉन्च को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक भी बुलाई। उत्तर कोरिया की इस हरकत को विश्लेषकों ने ‘सबसे आक्रामक और धमकी’ ‘भरा बताया।
इस बीच जापान ने भी कथित उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण की पुष्टि की है। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मीडिया से कहा – ‘जैसा कि हम कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ता देख रहे हैं, मैं जल्द ही राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक बुलाने वाला हूं।’