प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने सुप्रीम कोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है और वो 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके साथ ही फेयरवेल पार्टी में उन्होंने अपने 37 साल के सुप्रीम कोर्ट में बिताए गए कार्यकाल को याद किया। जस्टिस यूयू ललित ने सुप्रीम कोर्ट में वकील और न्यायाधीश दोनों पदों पर काम किया। इस दौरान उन्होंने बड़े ही उत्साह से काम किया। यूयू ललित के रिटायर होने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उनके उत्तराधिकारी होंगे।
रिटायरमेंट से पूर्व की शाम को उनके लिए एक फेयरवेल पार्टी दी गई जिसमें वो जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के साथ नजर आए। चीफ जस्टिस यूयू ललित ने इस दौरान बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश चंद्रचूड़ को अपना उत्तराधिकार सौंपना उनके लिए विशेष अनुभूति प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी वकालत जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता और सुप्रीम कोर्ट के 16वें चीफ जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के सामने शुरू की थी।
इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने कुल लगभग 37 साल तक सुप्रीम कोर्ट का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने बताया कि उनकी सु्प्रीम कोर्ट की अदालत संख्या एक से वकालत की यात्रा शुरू हुई थी। उन्होंने बताया तब वो मुंबई में प्रैक्टिस किया करते थे एक मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के सामने आए थे।
इस दौरान चीफ जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि इसी सुप्रीम कोर्ट से मेरा करियर शुरू हुआ था और आज इसी अदालत में मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यूयू ललित ने संविधान पीठों के गठन के समय को याद करते हुए कहा कि इस बार एसोशिएसन के लिए कुछ करना बहुत ही संतोषजनक और यादगार अनुभव रहा। उन्होंने बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले कोई भी जज किसी भी काम के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम होते हैं और उन्हें संविधान पीठों में शामिल होने के और भी मौके दिए जाने चाहिए।