सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू के कठुआ दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला देते हुए आरोपी शुभम सांग्रा को जुवेनाइल मानने से इनकार करते हुए उस पर बालिग की तरह मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। इस तरह सर्वोच्च अदालत ने इस मामले से जुड़े निचली अदालत और हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है।
इस मामले में बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि जुवेनाइल तय करने के लिए दस्तावेजों के अभाव में न्याय के हित में मेडिकल राय पर विचार किया जाना चाहिए। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आरोपी शुभम सांग्रा के खिलाफ व्यस्क के तौर पर ही ट्रायल चलेगा।
सांग्रा के जुवेनाइल होने के निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने अपने फैसले में कहा कि ‘किसी आरोपी की उम्र तय करने के लिए अगर कोई पुख्ता सबूत नहीं है तो ऐसी स्थिति में ‘मेडिकल राय ‘ को ही सही तरीका माना जाएगा।’ अदालत ने सांग्रा के घटना के समय जुवेनाइल होने से इनकार कर दिया।
बता दें उच्च न्यायालय और कठुआ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत ने भी आरोपी को जुवेनाइल ही माना था। याद रहे 7 फरवरी, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ मामले के एक आरोपी पर जुवेनाइल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। यह रोक जुवेनाइल कानून के तहत लगाई गई थी। यह फैसला
जम्मू-कश्मीर सरकार की उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील के बाद आया था।