पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा , जो अगले कुछ ही दिनों में रिटायर होने जा रहे हैं के परिवार को लेकर एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जनरल बाजवा का परिवार मात्र छह साल में अरबपति बन गया हैं।
पाकिस्तान में सेना सबसे शक्तिशाली है और इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान में सेना में भारी भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजवा की रिटायरमेंट से पहले उनके परिवार की संपत्ति में बीते छह सालों में भारी बढ़ोतरी हुई है।
पाकिस्तान पत्रकार अहमद नूरानी ‘फैक्ट फोकस’ के लिए यह खोजी रिपोर्ट तैयार की है नूरानी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि किस प्रकार बाजवा के करीबी और परिवार के सदस्यों ने कुछ ही वर्षों में एक नया कारोबार शुरू किया और पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में फार्म हाउस के मालिक बने और विदेशी संपत्ति खरीदी।
इस रिपोर्ट में बहुत से आंकड़े पेश किए गए हैं। साथ ही बाजवा की पत्नी आयशा अमजद, उनकी बहू महनूर साबिर और परिवार के अन्य करीबी सदस्यों की संपत्ति का जिक्र है।
बता दे, फैक्ट फोकस की रिपोर्ट में नूरानी ने दावा किया है कि बाजवा परिवार ने बीते छह वर्षों में 12.7 अरब रुपये की जायदाद बटोरी है। साथ ही टैक्स रिटर्न और अन्य वित्तीय विवरणों के आधार पर सेना नियुक्त किए जाने के बाद जनरल बाजवा ने परिवार के कैसे वर्ष 2013 और 2017 के बीच संपत्ति जमा की।
वर्ष 2013 में बाजवा ने संपत्ति विवरण में तीन बार संशोधन किया और संशोधित विवरण में जनरल बाजवा ने डीएचए लाहौर के फेज-8 में एक वाणिज्यिक भूखंड का विवरण शामिल किया। रिपोर्ट मे दावा किया गया है कि लाहौर का भूखंड उन्होंने वर्ष 2013 में खरीदा था, लेकिन वे पिछले चार साल तक इसका विवरण देना भूल गए। यह वर्ष 2017 में जोड़ा गया और तब उन्हे सेना प्रमुख बने एक साल हो गया था।
वहीं वर्ष 2016 में आयशा अमजद ने अधिक विवरण दिए बिना ही आठ अन्य संपत्तियां घोषित की। और जब बाजवा पाक सेना प्रमुख बने तब इसे 17 अप्रैल 2018 को संशोधित किया गया था। आयशा ने घोषणा की थी कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015 में उनकी संपत्ति का शून्य था किंतु छह साल के भीतर आवासीय और वाणिज्यिक भूखंडों के संदिग्ध लेनदेन के बाद संपत्ति शून्य से 2.2 अरब रुपये हो गर्इ।