एफएसएल की रिपोर्ट में मोरबी पुल हादसे को लेकर गंभीर खुलासे किये गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हादसा ओरेवा और नगर निगम के भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही को उजागर करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक ओरेवा समूह, जिसके पास पुल के रखरखाव, संचालन और सुरक्षा का ठेका था की तरफ से पुल ढहने वाले दिन (30 अक्टूबर) को 3,165 टिकट जारी किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी भार वहन क्षमता का आकलन कभी नहीं किया गया।
एफएसएल की इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कंपनी ओरेवा के रखे गए गार्ड और टिकट कलेक्टर दिहाड़ीदार मजदूर थे। सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में गार्ड को कभी नहीं बताया गया और पुल पर कितने लोगों को अनुमति दी जानी चाहिए। यही नहीं केबलों में जंग लग गई थी और एंगल टूट गए थे। केबल को एंकरों से जोड़ने वाले बोल्ट तक ढीले पड़ चुके थे।
याद रहे इस हादसे में 135 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। पुलिस ने मोरबी पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के चार लोगों सहित 9 लोगों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। पुल के रखरखाव तथ्ज्ञा संचालन का काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।