बिहार में सूदखोरों का फैला मकड़ा जाल,दर्जनों लोगों ने कर्ज के दबाव में गवाई जान

विदेशियों के साथ मिलकर देसी भी अपने लोगों को लूटने में लगे । फाइनेंस के पीछे विदेशी कनेक्शन होने की संभावना !

मनप्रीत सिंह
बिहार: प्रदेश में अवैध  सूद   ब्याज का कार – बार जोरों पर है। इस मकड़जाल में मध्यम वर्ग और गरीब तबके के लोग फंसते जा रहे हैं। ब्याज नहीं चुकाने के कारण अब तक दर्जनों लोगों ने आत्महत्या कर लिए हैं। वही सूदखोरी के धंधे में विदेशी कंपनियों के साथ देसी और दबंग लोगों लोगों का कनेक्शन सामने आता रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि ब्याज के अवैध धंधे में चाइना और अफगान से फंडिंग हो रहा है जो जांच का विषय है ।

बगैर लाइसेंस  के ब्याज का धंधा कानूनी अपराध माना जाता है । ब्याज से संबंधित कोई भी काम करने के लिए मनी लॉन्ड्री एक्ट के अंतर्गत सरकार द्वारा स्थापित संस्था से लाइसेंस लेना होता है । विभिन्न प्रदेशों में साहूकारी अधिनियम भी होता है । इस साहूकार अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए प्राधिकरण ब्याज पर रुपए देने के व्यापार करने के लिए लाइसेंस जारी होता है। लाइसेंस धारकों को सरकार द्वारा तय ब्याज लेने का आदेश दिया जाता है। लाइसेंसी सरकार द्वारा तय प्रतिशत से अधिक ब्याज नहीं ले सकता है। साथ ही लाइसेंसी को प्रतिवर्ष अपना लेखा-जोखा सरकार के पास प्रस्तुत करना पड़ता है। जैसा कि सरकार ने प्रतिवर्ष 13% ब्याज दर तय किया है। सरकार भी इस तय ब्याज दर से अधिक ब्याज नहीं ले सकती। वही 1986 मनी लांड्रिंग कंट्रोल एक्ट के तहत मनमाफिक ब्याज सुनना अपराध माना गया है 2016 में संशोधित आदेशों में एनबीएफसी के तहत 15% से अधिक ब्याज लेने की छूट नहीं दी गई है। सूदखोरी कानूनी अपराध है। इसको रोकथाम के लिए 1974 में बिहार साहूकारी अधिनियम बना बनाया गया था।

ऐसा देखा जाता है की आवश्यकतानुसार लोग बैंक, निजी फाइनेंस कंपनी, महाजन और दबंगों से कर्ज लेते हैं। इनमें बैंक के अलावे निजी फाइनेंस कंपनी के पर्दे के पीछे से चाइनीज कंपनी का हाथ पाया गया है। जिस का संचालन देसी लोग करते हैं। वही भारत में शरणार्थी बनकर रह रहे अफगानी और दबंग लोगों भी बड़े पैमाने पर शुद ब्याज का काम करते हैं । यह जांच का विषय है ?

सूदखोर ब्याज के लिए अपनाते हैं अनेक तरह का हथकंडा

ब्याज पर रुपया लेने वालों पर दबाव बनाने के लिए फाइनेंस दाता ब्लाइंड चेक और सादे पेपर में हस्ताक्षर करना और एक फर्जी एग्रीमेंट बनवाते हैं। इन्हीं कागजों के बदौलत कर्जदाता को ब्लैकमेल करते हैं। और सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज प्रतिशत से अधिक ब्याज वसूलते हैं। शुद्ध वसूलने के लिए गुंडा, माफिया और पुलिस का भी सहारा लेते हैं। इतना ही नहीं जबरन घर में घुसकर मारपीट करना, अपहरण करना और सामान उठा कर ले जाने का काम करते हैं।

दर्जनों लोगों ने कर ली है आत्महत्या

बिहार में कर्ज के दबाव के कारण दर्जनों लोगों ने आत्महत्या कर ली है। जिसमें नवादा जिला के केदार लाल गुप्ता ने 6 लोगों के साथ आत्महत्या की थी। तो वही समस्तीपुर के मनोज झा ने परिवार के पांच सदस्यों के साथ आत्महत्या कर ली। इसी तरह दरभंगा में निजी फाइनेंस कंपनी के बोझ तले दबे एक महिला ने 3 बच्चों के साथ जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास की। देखा जाए तो इस तरह के अनेक घटनाएं बिहार के विभिन्न जिलों में घट चुकी है और घट भी रही है जिस पर सरकार का कोई भी नियंत्रण नहीं है।

कर्ज से छुटकारा पाने के लिए पीड़ित ने प्रधानमंत्री और बिहार सरकार से गुहार लगाई है

ऐसे ही कर्ज के मकड़ी जाल में फंसे एक व्यक्ति ने परेशान होकर देश के प्रधानमंत्री और बिहार के डीजीपी को पत्र लिखा (जिसकी शिकायत  पं.सं. PMOPG/D/2022/0099680 है )जिसे हम अपने पाठकों के समक्ष रख रहे हैं। इस पत्र के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सेवा में,

माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री महोदय, भारत सरकार,

 डी 0जी0पी0 आर एस भट्टी महोदय, बिहार।                                           

विषय -गैर कानूनी व्यापार में लगे खास लोगों के गिरोह द्वारा अपने निर्धारित टारगेट के व्यक्तियों ( संजीव कुमार सिंह, सचिन एनक्लेव फ्लेट नंबर 104 नियर जगदीश अस्पताल, साईं अस्पताल के बगल मे भी) के विरुद्ध आपराधिक षडयंत्र कर जानमाल की हानि पहुँचाने वाले की पहचान पटना के पत्रकार नगर थाना के अलावे अन्य थाना द्वारा कराकर उन सब के विरुद्ध जनहित आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश/निर्देश भारत सरकार एवं बिहार सरकार के डीजीपी को देने संबंधित।                               

 महोदय,

उपयुक्त विषय के संदर्भ में विनम्र निवेदन पूर्वक कहना है कि पटना सहर के जमाल रोड बैंक ऑफ इंडिया की ऑपोजिट वाली गली मे vetran आपराधिक जो पुलिस एवं प्रशासन से अपनी वास्तविक पहचान व व्यवसाय को छुपाकर  एक आतंक का माहौल बना रखा है।इस आपराधिक गैंग द्वारा बड़े ही तरीके से संभ्रांत लोग व्यापारी, उद्योगपति को फँसाता है और उनका शोषण शुरू हो जाता है।  चुकी करोड़ों रुपए के चल रहे इस अवैध व्यापार में इसके सरगना का सीधा संबंध व व्यापार में साझेदारी विदेशी आकाओं से है, जिन्होने आज तक केन्द्र सरकार व बिहार सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके है,सरकार से छुपाकर अवैध कर रहे व्यापार में लगे लोगों पर नियंत्रण के अभाव में लोग भयभीत व आशंकित है, सादीर खान, कादिर खान मोबाइल नंबर-9608619922) के द्वारा कब और कैसे किसका अपहरण हो जाए कहा नहीं जा सकता है। अपराधियों, हवाला कारोबारियों, सूदखोरों के गिरोह को नियंत्रित की जाय एवं इनके तारगेट के आये लोगो की जानमाल की सुरक्षा की जाय।



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