भारत सरकार ने 230 चीनी एप्स को किया बैन, कर्ज देखकर वसूली के लिए करते थे ब्लैकमेल

  • द फाइनेंसियल वर्ल्ड की रिपोर्ट पर फिर लगी मोहर,देसी और विदेशी सूद खोरो करने वाले का खुला पोल

नई दिल्ली : 8 जनवरी को द फाइनेंसियल वर्ल्ड के रिपोर्ट सत्य होता नजर आ रहा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि कर्ज के धंधे में विदेशी और देशी दबंग लोग लगे हुए हैं।उनके पीछे चाइना ,अफगान जैसे विदेशीयों का रुपया इन्वेस्ट हो रहा है। कर्ज के जाल में फंसे अनेक लोग अपनी जवान जान गवा चुके हैं । कर्ज वसूलने वाले अपने क्षेत्र के दबंग और हिस्ट्रीशीटर होते हैं। जो कर्ज वसूलने के लिए विभिन्न तरह से हथकंडे अपनाते है। लोगों को कर्ज देने के लिए ऐप का भी उपयोग किया जाता है।
देशवासियों को बचाने के लिए भारत सरकार ने देश में अवैध कर्ज एवं जुए का धंधा चलानेवाले 230 चीनी एप्स पर बैन लगा कर उस पर डिजिटल स्ट्राइक कर दी है। केंद्र सरकार ने इन 230 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है, जिनमें 138 लिंक जुए के खेल से संबंधित हैं, जबकि 94 एप्स ऐसे हैं जो अवैध रूप से लोन देने का धंधा कर रहे थे। सरकार ने इन सारी एप्स पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है।

चीन की ओर से देश में अवैध लोन एप्स एवं जुआखोरी के धंधे का जाल फैलाया जा रहा था। जिस पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए भारत सरकार ने ऐसे 230 चीनी एप्स पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित मंत्रालय ने इन एप्स की कारगुजारियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय को इन्हें बैन करने की सिफारिश भेजी थी, जिसे गृह मंत्रालय ने मंजूरी देते हुए उक्त एप्स पर रोक लगा दी है।

सरकार ने आइटी अधिनियम की धारा 69 के तहत चीनी एप्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसे देश की संप्रभुता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचानेवाला माना है। चीन भारतीय नागरिकों को इन चीनी एप्स के माध्यम से अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा था। ये चीनी एप्स भारतीय नागरिकों को बहुत सस्ते में लोन उपलब्ध करा रहे थे और बाद में उसकी वसूली के नाम पर लोगों पर जबरदस्ती एवं उत्पीड़न को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। इसके लिए देसी दबंग और हिस्ट्रीशीटर लोगों को लगाया जाता था।
देश में बेरोजगार युवकों की फौज है जिसका फायदा उठाते हुए अपने मतलब साधने के लिए कर्ज के अवैध धंधे में उन युवकों को लगा दिया गया है, उन के माध्यम से लोन देकर लोगों से जबरन वसूली करवाना, प्रताड़ित करना और भी विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे । इस से प्रताड़ित होकर अनेक लोगों ने अपनी जानें गंवा चुके हैं और कितने मानसिक संतुलन खो चुके हैं । इस संबंध में अनेक संस्थाओं ने सरकार गुहार लगाई थी कि उन्हें सूदखोरों से बचाया जाए। जिसका परिणाम यह हुआ है कि भारत सरकार ने कठोर कदम उठाते हुए चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।

कर्ज के जाल में फंसे देवेंद्र सिंह बताते हैं कि एक बार कर्ज ले लेने के बाद वे उनसे सालाना 3,000 प्रतिशत तक सूद वसूल गया है। बड़ी मुश्किल से इस कर्ज के जाल से बचकर निकले हैं। वहीं इसका खुलासा तब हुआ जब आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना, दिल्ली बिहार सहित विभिन्न प्रदेशों के अनेक लोगों ने जबरिया कर्ज वसूली से परेशान होकर अपनी जान दे दी। जांच में खुलासा हुआ कि इन सभी ने ऐसे ही चीनी ऐप्स से लोन ले रखा था। कर्ज खोरी के अवैध धंधे में फंसे लोगों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जा रहे लोगों द्वारा आत्महत्या की घटना से सीख लेते हुए भारत सरकार ने असल जड़ों का पता लगाना शुरू किया ।तब बात सामने आई की चाइनीज भारतीयों को अपने यहां काम पर रख कर अवैध ऐप के जरिए कर्ज जरूरतमंदों को देकर फंसा रहे है। जबरन कर्ज वसूलने के लिए विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। जिस पर सरकार ने तत्काल प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।

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