प्रदेश के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 104 मामले है दर्ज
झारखंड: मूल रूप से धनबाद के रहने वाले 15 लाख का इनामी नक्सली कमांडर मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो उर्फ बड़ा बाबू उर्फ बड़का दा उर्फ अवधेश ने शुक्रवार को विधिवत आत्मसमर्पण कर दिया। शुक्रवार को उसने रांची रेंज के आईजी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया है। इस दौरान आईजी अभियान एवी होमकर रांची रेंज के आईजी पंकज कंबोज सहित राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के कई आला अधिकारी मौजूद थे। बड़ा बाबू पर प्रदेश के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 104 अपराधिक मामले दर्ज है।
उतरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के अंतर्गत ऊपरघाट, झुमरा पहाड़, विष्णुगढ़ और रामगढ़ के क्षेत्र की कमान दुर्योधन के जिम्मे थी। वह 90 के दशक में छात्र संगठन से जुड़कर माओवादी संगठन में शामिल हुआ था।संगठन में समय गुजरने के साथ उसका ओहदा बढ़ता गया। 2001 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बना दिया गया। दुर्योधन वर्ष 2004 में जेल गया था। उसके वर्ष 2013 में जेल से बाहर निकलने के बाद संगठन से माफीनामा लेकर वह दोबारा शामिल हो गया था। साल 2018 में उसे फिर से झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया और जिलगा सबजोन का जिम्मा दिया गया।
सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने और स्टेशन स्थित थाना पर हमला कर हथियार लूटने सहित कई गंभीर आरोप
मूलरूप से धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के गेंदनावाडीह का रहनेवाला मिथिलेश सिंह पर बोकारो में कई बड़े घटनाओं में शामिल रह चुका है। खासकर झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमला और खासमहल के सीआइएसएफ बैरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना में सुर्खियों में मिथिलेश का नाम आया था। वर्ष 2003 में चंद्रपुरा रेलवे स्टेशन पर स्थित पुलिस थाना में हमला कर करीब दो दर्जन हथियार लूट लिए थे मिथिलेश महत्व पर झारखंड के विभिन्न जिलों में 104 मामले दर्ज हैं।
विभिन्न थानों में दर्ज मामले : बोकारो में 58, चतरा में पांच, सरायकेला खरसावां में चार, खूंटी में 3, चाईबासा 2 हजारीबाग में 26 ,धनबाद में एक और गिरिडीह में पांच मामले दर्ज है।
मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो मूल रूप से धनबाद जिला के थाना नावाडीह तोपचांची गेंदा गांव का रहने वाला है। वह छात्र जीवन से निकलकर नक्सलियों के संपर्क में आया और नक्सली गतिविधियों के कारण जेल गया। जेल से बाहल आने पर पुनः नक्सली बन गया । इस दौरान उसने अनेक घटनाओं को अंजाम दिया। जिसके कारण राज्य सरकार ने उसके ऊपर 15 लाख का इनाम की घोषणा की ।साथी राज्य सरकार द्वारा चलाए नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे हैं सफाई अभियान और आत्मसमर्पण एवं पूनर्वास नीति के कारण वह प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने साधारण नागरिक की तरह जीवन व्यतीत करने की इच्छा जाहिर की है।