सरकार पहली बार वनोत्पाद को बढ़ावा देने के संगठित प्रयास में लगी
झारखंड :रांची,वन उत्पाद के मामले में झारखण्ड पर प्रकृति की विशेष मेहरबानी है। लाह, तसर, शहद, ईमली, चिरौंजी, साल बीज, महुआ आदि झारखण्ड के वनों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। राज्य गठन के बाद से राज्य के किसानों को वन उत्पाद का सही मूल्य दिलवा पाना चुनौती का विषय बना हुआ था। लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने वीर शहीद सिद्दो-कान्हो के नाम से सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ का निर्माण किया, जिसके तहत राज्य के सभी किसानों एवं वन उत्पाद संग्राहकों को संगठित करते हुए उनके विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने की योजना तैयार की गयी है। ताकि वनोत्पाद के माध्यम से भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती हेतु नव ऊर्जा का संचार किया जा सके।
पैक्स लैंपस को किया जा रहा सशक्त, कार्यशाला का हो रहा आयोजन
किसानों के वनोपज को उचित मूल्य और बाजार उपलब्ध कराने के उदेश्य से सभी PACS/LAMPS को आधुनिक स्वरूप देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश के तहत धरातल पर अब सकारात्मक प्रयास प्रारम्भ हुए हैं। इस कड़ी में सहकारिता के माध्यम से कृषि और वन उपज में आजीविका संवर्धन पर सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत रांची से 17 फरवरी 2023 को की गयी। प्रत्येक जिले में कार्यशाला के आयोजन के बाद जल्द ही सभी PACS / LAMPS को जोड़ते हुए सदस्यता अभियान प्रारंभ किया जाएगा। राज्य भर में LAMPS/PACS के सदस्यों को उनकी कृषि और उपज के लिए प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने की योजना भी सरकार की है।
एक मजबूत ब्रांड को खड़ा करने का प्रयास
मुख्यमंत्री के निर्देश के तहत पलाश ब्रांड की ही तरह सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ के विभिन्न उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की जिम्मेवारी निभाई जाएगी। इसका मूल उद्देश्य जिले के सभी लैम्प्स -पैक्स को उचित बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करना, क्षमता निर्माण, प्रसंस्करण और एक मजबूत ब्रांड को खड़ा करना है। सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ में त्रिस्तरीय संरचना का गठन किया जा रहा है। पंचायत स्तर पर लैम्प्स -पैक्स, जिला स्तर पर संघ एवं राज्य स्तर पर महासंघ कार्य करेगा। पंचायत स्तरीय समिति उत्पादन एवं संग्रहण का जिम्मा एवं जिला स्तरीय संघ प्रसंस्करण की जिम्मेवारी निभाएगी। विभिन्न सुविधाओं से जोड़ते हुए वनोत्पाद के साथ आगे बढ़ने की जो परिकल्पना की गयी है, उससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ कृषि एवं वन उत्पाद के क्षेत्र में देश में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल होगा।