अदालत ने बीरेंद्र राम को पांच दिनों के रिमांड पर ईडी को दिया
वीरेंद्र राम की सूचना पर सफेदपोश नेताओं के यहां भी ईडी का पड़ेगा छापा
झारखण्ड: ईडी का संदेह है एकदम सटीक बैठा है कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख इंजीनियर बीरेंद्र राम के पास अकूत धन संपत्ति है। यह सब छापेमारी में मिले दस्तावेज सिद्ध हो गया है । वही प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा गिरफ्तार इंजीनियर को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की कोर्ट में गुरुवार को पेश किया।कोर्ट ने गिरफ्तार ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख इंजीनियर बीरेंद्र राम को पांच दिनों के रिमांड पर ईडी को दिया है।रिमांड की अवधि शुक्रवार 24 फरवरी, 2023 से शुरू होगी। ईडी ने स्पेशल कोर्ट में बीरेंद्र राम को पेश किया।ईडी 10 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने पांच दिनों के रिमांड पर दिया है। इसके साथ ईडी ने गिरफ्तार बीरेंद्र राम को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया।ईडी द्वारा गिरफ्तार बीरेंद्र राम को गुरुवार को पीएमएलए के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। वही ईडी के पूछताछ में अपने अवैध कमाई की जानकारी अधिकारियों को दी है । उसमें ऐसे कुछ सफेदपोश नेताओं का भी नाम बताया है। जिन्हें वह अपनी कमाई में से कमीशन के तौर पर चढ़ावा पहुंचाता आया है । अब ईडी उन नेताओं नेताओं को अपने रडार पर ले चुकी है । उनके यहां भी छापेमारी होना तय माना जा रहा है।
गौरतलब हो कि बुधवार 22 फरवरी, 2023 को ईडी के अधिकारियों ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत उसका बयान दर्ज करने के बाद देर रात गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश करते हुए 10 दिनों की रिमांड की मांग की, लेकिन कोर्ट ने पांच दिनों के रिमांड पर दिया।
अवैध संपत्ति के मालिक वीरेंद्र राम ईडी के सामने आंसू बहा रहा है, दूसरी तरफ उसकी पत्नी और बच्चे को भरोसा है कि इस छापेमारी से कुछ नहीं होगा। पत्नी ईडी अधिकारियों को महंगे टेबल का धौंस दिखाती है,तो बेटा कमरे में बिखरे ब्रांडेड शर्ट की कीमत बताते हुए कहता है कपड़ों को छू कर देख लो, एक शर्ट की कीमत कम से कम 35000 रुपए है।
पीने के पानी भी फ्रांस से आता है।
दिल्ली में उसके बेटे के फ्लैट में यह कपड़े एक कमरे में बिखरे पड़े थे। दूसरी तरफ उसके निलंबन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। वीरेंद्र राम मुख्य रूप से जल संसाधन विभाग में है। उसका निलंबन भी इसी विभाग से होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जायेगा। परिवार के लोग साधारण पानी नहीं फ्रांस की कंपनी का पानी पीते हैं। जिसकी कीमत 300 रुपए प्रति लीटर है। फ्रांस की कंपनी में बना मिनरल वाटर इनके घऱ में इस्तेमाल होता है। पत्नी को महंगी चीजों का इतना शौक है कि वह नौकरों को सामान खरीदने भेजती है तो कहती है सस्ती चीजें मत लेकर आ जाना।
परिवार वालों के सिर पर अब भी चढ़ा है दौलत का नशा
वीरेंद्र राम के परिवार पर दौलत का नशा अब भी सिर चढ़कर बोल रहा है।दूसरी तरफ ईडी अपनी जांच की रफ्तार भी बढ़ा रही है। विशेष अदालत ने वीरेंद्र राम को पांच दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर भेजा है। इसमें वीरेंद्र राम से और सघन पूछताछ होगी। वीरेंद्र राम के पिता और पत्नी के केनरा बैंक के ज्वाइंट एकाउंट में भी 5.70 करोड़ और 3.59 करोड़ जमा हुए थे। जांच में यह सामने आया है कि यह पैसे आरके इन्वेस्टमेंट और आरपी इन्वेस्टमेंट एंड कंसल्टेंट के खातों से आए थे। ईडी ने दोनों फर्म के संचालक राजेश कुमार केडिया और रीना पाल का भी बयान लिया है।
वीरेंद्र राम उगल रहा है कमीशन की पूरी कहानी
वीरेंद्र राम ने पूछताछ में यह माना है कि वह कंपनियों से ठेके के बदल कमीशन लेते हैं। वीरेंद्र राम ईडी अधिकारियों से कहते हैं कमीशन का चलन तो सभी जगह है, विभाग में मुझ से पहले भी कमीशन लिया जाता था। 3 फीसदी कमीशन में उन्होंने कई बड़े नौकरशाह, बड़े नेताओं और उनके रिश्तेदार को भी पैसा दिया है।
कमीशन के खेल में खूब पैसा है
अगर इसे समझने की कोशिश करें तो चालू वित्तीय वर्ष में ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के लिए 615 करोड़ का बजट तैयार किया गया है। प्रावधान के मुताबिक ढाई गुना यानी करीब 1500 करोड़ की योजना ली जा रही है।सिस्टम के मुताबिक 1500 करोड़ में से 4.5% तो मुख्य अभियंता कार्यालय में ही वसूली होनी है। 70 करोड़ ऐसे ही ले लिये जा रहे हैं।
वीरेंद्र राम की सूचना पर ईडी सफेदपोश नेताओं के विरुद्ध करेगा कार्रवाई
वीरेंद्र राम के खुलासे से झारखंड के अनेक सफेदपोश नेता ईडी के टारगेट पर आ गए हैं । गाहे-बगाहे उनके यहां भी रेड पड़ना तय है । अब ईडी वीरेंद्र राम की सूचना पर भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट बनाकर उनकी जानकारियां इकट्ठा किया जा रहा है । जैसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा को 2.44 करोड़ रुपए के साथ पकड़ा था। उस दौरान सुरेश प्रसाद वर्मा ने जप्त रुपए के बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो को बताया था कि यह रुपया उनके सीनियर अधिकारी वीरेंद्र राम का है । इसक सूचना पर ईडी ने विरेंद्र राम के घर पर छापेमारी की ।