मुझ पर लग रहे हैं गलत आरोप ,राजीव अरुण एक्का
झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का के बहाने भाजपा हेमंत सरकार को घेरने में लगी हुई है । इसको लेकर झारखंड में राजनीतिक भूचाल आ गया है अब भाजपा और अन्य पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।वही आईएएस राजीव अरुण एक्का ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया है।
आई ए एस राजीव अरुण एक्का के मामले को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। पूरे मामले की जानकारी दी और सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। वहीं, आईएएस राजीव अरुण एक्का ने खुद को पूरी तरह से निर्दोष बताया है।साथ ही कहा है कि मेरे खिलाफ जो वीडियो सार्वजनिक किया गया है, वह यह साबित नहीं करता कि मैं सरकारी ऑफिस का काम कर रहा हूं। अगर मैं अपने दोस्त के घर जाकर उसे कुछ सलाह देता हूं, तो यह कहीं से भी साबित नहीं होता कि मैं सरकारी ऑफिस का काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं जिस प्रभार में था, वहां मुझे पोस्टिंग, टेंडर जारी करने की शक्ति ही नहीं थी। अपने तीस साल के करियर में मैंने अपनी सारी सरकारी फाइल का काम ऑफिस में या घर पर किया है। इतने लंबे करियर में मैं छह-छह जिलों का उपायुक्त रहा। उस दौरान मैंने हजारों कागजों में साइन किया, लेकिन कोई यह भी नहीं कह सकता कि मेरे द्वारा साइन किए गए किसी कागज से किसी को लाभ पहुंचा हो। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लगा रहे यह मेरे समझ से परे का बात है। दूसरी ओर भाजपा के विरोधी दल भी आईएएस राजीव अरुण एक्का पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहते हैं कि भाजपा झारखंड में अच्छे काम कर रही हेमंत सरकार को परेशान करने के लिए अनेक तरह का हथकंडा अपना रही है। जिसमें आईएएस राजू अरुण एक्का पर भी लगाए गए भ्रष्टाचार भी शामिल है।
आईएएस अधिकारी ने कहा कि मैं जिस प्रभार (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव के प्रभार में था) में था, वहां न तो मैं अधिकारियों की कोई पोस्टिंग कर सकता था, न ही कोई ट्रांसफर या टेंडर जारी करने का काम. मेरे पास ऐसे कामों के लिए कोई शक्ति ही नहीं थी.