उड़ीसा: रंगोऔर उमंगो का त्यौहार होली में, कैसे अपने प्रिय से होली ना खेले यह तो हो ही नहीं सकता है । ऐसे में कोमल हृदय भक्त अपने आराध्य के साथ होली ना खेले यह तो हो ही नहीं सकता। जगजाहिर है काशी विश्वनाथ में बाबा भोलेनाथ के साथ भस्मा होली और मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के साथ रंगों की होली विख्यात है। भगवान श्री कृष्ण के ही अवतार भगवान जगरनाथ उड़ीसा जगन्नाथपुरी में बिराजते है और पूरे उड़ीसा वासियों का प्राण भगवान जगन्नाथ में लगा रहता है।
वे अपने प्रभु से उमंगों के त्यौहार में शामिल होने से कैसे अपने आप को रोक पाते। मौका है होली का तो भक्त निकल पड़े प्रभु के साथ होली खेलने के लिए। इस मौका पर जगन्नाथपुरी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान जगन्नाथ के साथ जमकर फूल, रंग, गुलाल की होली खेली गई। इस मौके पर देश के कोने कोने से भक्त उमड़े थे। वहीं विदेश से भी पर्यटक और भक्त पहुंचे थे। अपनी प्रभु की एक झलक पाने के लिए उन्होंने भी जमकर रंग गुलाल और फूलों की होली की खेली। विहंगम दृश्य था। भक्त अपने प्रभु को होली पर रंग गुलाल और फूलों को अर्पण कर गदगद हो रहे थे। उनके उमंग और उत्साह देखने योग्य योग्य थे। जहां भी नजर जाती प्रभु जगन्नाथ के जयकारे से आसमान गुंजायमान हो रहा था। इस मौके पर भगवान जगन्नाथ के सिंगार करने वाले सिंगारी बलभद्र ने बताया कि प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी देश विदेश से भक्त मंदिर पहुंचे थे। वे अपने आराध्य भगवान श्री जगन्नाथ के साथ उत्साह के साथ आनंद के साथ होली मनाए। यह दृश्य उनके लिए भी विहंगम था।