तमिलनाडु : तमिलनाडु पुलिस ने झारखंड के एक प्रवासी मजदूर मनोज यादव और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है। दोनों पर आरोप है कि फेमस होने के लिए एक वीडियो बनाकर वायरल किया था। जिसमें दिखाया गया था कि झारखंड के मजदूरों को साउथ में मारपीट कर भगाया जा रहा है। जांच में वह वीडियो झूठा साबित हुआ।
मनोज यादव के बनाए गए इस फेक वीडियो के कारण सोशल मीडीया पर कोहराम मचा हुआ था।इससे सरकारी तंत्र सर्तक हो गया ।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बैठाई की और झारखंड से प्रतिनिधिमंडल तमिलनाडु भेज दिया। वहां की सरकार की मदद से जांच के बाद जो तथ्य सामने आए वो बेहद हैरान करनेवाले थे। तमिलनाडु में झारखंड के मजदूरों के साथ मारपीट और हत्याओं की झूठी खबरों के बीच तमिलनाडु पुलिस ने झारखंड के एक प्रवासी मजदूर और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया। पूछताछ में गिरफ्तार मनोज यादव ने पुलिस को बताया कि सोशल मीडीया पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए फेक वीडियो बनाया था और सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इधर पुलिस ने प्रेस को बताया कि दोनों प्रवासी मजदूरों ने अशांति पैदा करने के लिए वीडियो बनाए। जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि उनके साथ स्थानीय लोगों ने मारपीट की। मनोज यादव और उसके दोस्त ने वीडियो में तमिलनाडु और झारखंड सरकार से अपने घर लौटने में मदद की गुहार लगा रहा है।
इस बीच तांबरम सिटी पुलिस ने जांच के बाद मनोज यादव और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं तमिलनाडु पुलिस ने मनोज यादव का एक कबूलनामा वीडियो भी जारी किया जिसमें आरोपी मजदूरों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, मैंने और मेरे दोस्तों ने एक फेक वीडियो बनाया। समय रहते पुलिस ने फेक न्यूज़ मामले का खुलासा कर दिया। अन्यथा सोशल मीडिया में जिस तरह से जंग छिड़ा हुआ था उससे झारखंड और तमिलनाडु के लोगों के बीच में नफरत की दीवार खड़ी हो रही थी और लोग एक दूसरे को अपना दुश्मन मानने लगे थे।।