झारखंड: उड़ीसा और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र गुडाबादा से पुलिस ने छापेमारी कर 510 ग्राम पन्ना पत्थर और 7,84,900 रुपया के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है इस क्षेत्र में तस्कर नक्सलियों के साथ गठजोड़ कर बड़े पैमाने पर अवैध पन्ना का खनन करते रहे हैं और धड़ल्ले से तस्करी भी होती रही है । यहां से पन्ना पत्थर मुख्य रूप से राजस्थान भेजा जाता है। जहां से पन्ना पत्थर को तराश कर देश और विदेश की विभिन्न भागों में तस्करी द्वारा सप्लाई कर दिया जाता है।
जानकारी के अनुसार गुड़ाबांदा की बीडीओ सह सीओ के नेतृत्व में गुड़ाबांदा थाना प्रभारी एवं थाना के पुलिस बल के साथ हातियापाटा गांव में रविवार को की गई। छापेमारी में हरे रंग का 510 ग्राम पन्ना पत्थर जब्त किया गया। उपायुक्त को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। जहां मौके से पत्थर के अलावा 7,84,900 रुपये तथा एक प्लास्टिक में बंद मिट्टी जैसा पदार्थ 190 ग्राम, एक मोबाइल जब्त किया गया।
जांच में नहीं मिले कागजात
मोबाइल की जांच में पन्ना पत्थर का फोटो एवं वीडियो पाया गया। मौके पर आरोपी सनातन श्यामल उर्फ सिद्धेश्वर श्यामल के पिता- बेनीपदो श्यामल द्वारा पूछताछ में बरामद पत्थर एवं पैसे के संदर्भ में कोई कागजात नहीं प्रस्तुत किया गया। आरोपी के पिता ने बताया कि उनका बेटा अवैध पन्ना पत्थर की खुदायी एवं व्यापार करता है।आरोपी घर से फरार पाया गया। उसके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराया गया है। जानकार बताते हैं कि गुड़ाबांधादा क्षेत्र के आसपास, पहाड़ों और खेतों से नक्सली और ग्रामीणों द्वारा बड़े मात्रा पर हरे रंग के पन्ना पत्थरों का खनन किया जाता है । जिसे घाटशिला, जमशेदपुर और उड़ीसा, कोलकाता में ले जाकर बेच दिया जाता है। इसके बड़े खरीददार मुख्यत: जयपुर और मुंबई से आते हैं जो तस्करों को कम मूल्य देकर अपने क्षेत्र में ले जाते हैं। वहां पत्थर को तराश कर रत्न के शक्ल में बदल देते हैं। उसके बाद इन पन्ना पत्थरों को बहुत ऊंचे मूल्य पर देश और विदेश में भेज दिया जाता है। यह कार्य वर्षों से चला रहा है। हालांकि सरकार ने इस क्षेत्र में पन्ना पत्थर के खदान को नीलामी के लिए अनेक बार प्रयास कर चुकी है। मगर तकनीकी कारण से यह खदान अब तक किसी पार्टी को नहीं मिल पाया है।