गुजरात: सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 वर्ष की सजा सुनाई है। साथी ही 15 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। हालांकि राहुल गांधी ने कोर्ट को बताया है कि उन्होंने जानबूझकर मोदी सर नाम पर टिप्पणी नहीं की है।यह मामला लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सर नाम पर विवादित टिप्पणी करने का है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर नाम मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसको लेकर समूची मोदी समुदाय आहत हो गया था। तब गुजरात के तत्कालीन विधायक सह मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के विरुद्ध अपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि मोदी सर नाम के चलते मोदी समुदाय के सभी लोग आहत हैं। इसके बाद इस मामले को पुलिस ने कोर्ट ने भेज दिया था। जिसके आधार पर सूरत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें पर सुनवाई हुई। इस दौरान पूरे मामले के बीच राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में उपस्थित हुए थे। उसके बाद राहुल गांधी को दोषी पाया गया। जिसके आधार पर आज राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा सुनाई गई है ।यह सजा भारतीय दंड विधान की धारा 499 में अपराधिक मानहानि के मामले में सुनाई गई है। अब राहुल गांधी इस सजा के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं। वहां भी उनकी सजा को बहाल रखा गया तो लोकसभा सदस्य भी जा सकती है।
आज के सुनवाई के दौरान सूरत कोर्ट में गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, पार्टी विधायक दल के नेता अमित चावड़ा, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा और विधायक सहित सैकड़ों कांग्रेसी मौजूद थे। उन्होंने जमके नारेबाजी भी की। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया है कि उनके नेता राहुल गांधी को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। वही केंद्रीय कांग्रेसी नेताओं ने भी अपने बयानबाजी शुरू कर दिए हैं।