राहुल गांधी की संसद सदस्यता हुई रद्द

नई दिल्ली : सूरत कोर्ट से 2 वर्ष की सजा सुनाई जाने के बाद पूर्व कांग्रेसी राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गयी है। वे लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिये गये हैं। लोकसभा सचिवालय ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वर्तमान में वे
राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। इस संबंध में द फाइनेंसियल वर्ल्ड ने पहले ही आशंका जता दी थी जो सत्य साबित हुई है।
गौरतलब हो कि गुजरात के सूरत के सेशन कोर्ट ने कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 वर्ष की सजा सुनाई है। साथी ही 15 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। हालांकि राहुल गांधी ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने जानबूझकर मोदी सर नाम पर टिप्पणी नहीं की है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर नाम मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसको लेकर समूची मोदी समुदाय आहत हो गया था। तब गुजरात के तत्कालीन विधायक सह मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के विरुद्ध अपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि मोदी सर नाम के चलते मोदी समुदाय के सभी लोग आहत हैं। इसके बाद इस मामले को पुलिस ने कोर्ट ने भेज दिया था। जिसके आधार पर सूरत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान पूरे मामले के बीच राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में उपस्थित हुए थे। उसके बाद राहुल गांधी को दोषी पाए गए। जिसके आधार पर राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा सुनाई गई है ।यह सजा भारतीय दंड विधान की धारा 499, 500 में अपराधिक मानहानि के मामले में सुनाई गई है।
अब सजा पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकते
जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द हो जायेगी। सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए वे अयोग्य होते हैं। जैसे लालू प्रसाद यादव है।
अभी रास्ते है
राहुल की सदस्यता बचे रहने के सारे रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। राहुल उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं। सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लग जाता है तो सदस्यता बच सकती है। उच्च न्यायालय रोक नहीं देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से अगर स्टे मिल जाता है तो भी उनकी सदस्यता बच सकती है।लेकिन अगर ऊपरी अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलती तो राहुल गांधी 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी की सजा के खिलाफ कांग्रेसियों ने देश के अनेक हिस्सों में जमकर हंगामा किया था। इसके बाद भी कानूनी दांव पेच के बीच उलझ के रह गए और राहुल गांधी की सभा सदस्यता समाप्त हो गई। जानकार बताते हैं कि अब इस मामले को भी लेकर कांग्रेसी सड़क पर हंगामा करगें।वे लोगों के संपत्ति बटोरने का प्रयास करेंगे।

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