नई दिल्ली: कर्नाटक के 224 विधानसभा सीट पर चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने बुधवार को तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि 10 मई को वोट डाले जाएंगे 13 मई को परिणाम आएंगे। इस बार का चुनाव आरक्षण, सीमा विवाद और भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षियों के साथ कांटे की लड़ाई होने की संभावना जताई जा रही है।
कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं।इस बार के विधानसभा चुनाव 9.17 लाख नए वोटर हिस्सा लेंगे।वहीं, राज्य में कुल वोटरों की संख्या अब 5.22 करोड़ पहुंच गई है।
वहीं चुनाव आयोग के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों में शांतिपूर्व चुनाव कराए गए हैं। निष्पक्ष चुनाव कराना हमारा लक्ष्य है। राज्य में चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया 24 मई से पहले पूरी कर ली जाएगी।
बताया जाता है कि इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष में कांटे की टक्कर हो सकती है। इसका मुख्य वजह बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में बोम्मई सरकार ने मुस्लिम समुदाय को मिले चार फीसदी आरक्षण को खत्म कर दिया है। राज्य में मुस्लिम समुदाय को चार फीसदी आरक्षण मिला हुआ था।सरकार ने कहा है कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आरक्षण का लाभ मिलेगा।कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बड़े मुद्दे की बात करे तो राज्य में आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद को लेकर भी राज्य की सरकारें आमने-सामने आ चुकी हैं। राज्य की जब भी बात होती है तो सांप्रदायिक तनाव का जिक्र भी आता है। इसके अलावा भ्रष्टाचार भी बड़ा मुद्दा है। दूसरी ओर भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा किया है ।जबकि विरोधी दल लामबंद होने के प्रयास में लग गए हैं। उनका मानना है जब एक साथ सारे विपक्षी आ जाएंगे, तो बीजेपी को हराना संभव होगा। इसका प्रयास अभी से देखा जा रहा है।