नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देश भर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया था। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है।
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है। नेशनल पार्टी के लिए आप को गुजरात या हिमाचल में 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। गुजरात में आप को करीब 13 प्रतिशत वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6 प्रतिशत वोट हासिल करना जरूरी होता है।आप इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
राष्ट्रीय पार्टी को मिलते हैं यह फायदे
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देश भर में सुरक्षित कर सकती हैं।राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है। आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं। यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाए जाने का समय तय होता है।