पश्चिम बंगाल: कोलकाता में देश की पहली बार अंडर वाटर ट्रेन चली है। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के नीचे से होकर कोलकाता से हावड़ा पहुंची।हावड़ा मेट्रो स्टेशन जमीन से 33 मीटर नीचे है और यह देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है।
हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की जुड़वां सुरंग में बना यह अंडरवाटर ट्रेन का ट्रैक 4.8 किलोमीटर लंबा है।इस मेट्रो की सुरंग को बनाने में करीब 120 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
मेट्रो रेल के जीएम पी उदय कुमार रेड्डी इस नए ट्रेन में महाकरन से हावड़ा मैदान के बीच सफर किया। ट्रेन ने दिन में 11.55 बजे हुगली नदी को पार किया। हावड़ा पहुंचने पर ट्रेन की पूजा की गई।कोलकाता में जिस अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन का परीक्षण किया गया है, वह हुगली नदी के पूर्वी तट पर एस्प्लेनेड और पश्चिमी तट पर हावड़ा मैदान को जोड़ती है। बीते एक साल से काम चल रहा था। कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन सियालदह से एस्प्लेनेड के बीच 2.5 किलोमीटर के ट्रैक का काम पूरा होने का इंतजार कर रहा है, इसके बाद ही इस पर रेगुलर ट्रेन शुरू की जाएगी।
ट्रेन में होगी छह कोच
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (केएमआरसी) के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि मेट्रो रेल के साल्ट लेक डिपो से एस्प्लेनेड तक एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच ईस्ट बॉन्ड टनल के माध्यम से 2 ट्रेनें ट्रायल पर चलेंगी, जिनमें फिलहाल 6 कोच होंगे। रेड्डी ने कहा कि अगले कुछ महीनों तक ट्रायल किया जाएगा।
बैटरी से चलेगा इंजन
सियालदह से एस्प्लेनेड तक ट्रेनों को बैटरी इंजन से चलाया जाएगा, क्योंकि इसमें पटरियों पर इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं किया गया है। कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने बताया है कि अगले कुछ महीने में ट्रेन नियमित चलने लगेगी। इसके साथ ही भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जहां मेट्रो ट्रेन पानी के नीचे चलती है।
कोलकाता में ही चली थी देश की पहली मेट्रो
ज्ञात हो कि देश की पहली मेट्रो सर्विस भी साल 1984 में कोलकाता में ही शुरू हुई थी। इसके बाद दूसरी मेट्रो साल 2002 में दिल्ली में चलाई गई थी। अब कई शहरों मेट्रो सर्विस शुरू हो चुकी है।
लंदन और पेरिस की तर्ज पर चलेगी मेट्रो
भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन लंदन-पेरिस की तर्ज पर चलाई जा रही है।इस अंडर वाटर मेट्रो की तुलना लंदन की यूरोस्टार से की जा रही है, जो लंदन और पेरिस को अंडर वाटर रेल लिंक से जोड़ती है।