पत्रकारों के लिए राष्ट्रीकृत जीवन व स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का आग्रह

*केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मिले सांसद संजय सेठ

*डीडी झारखंड पर क्षेत्रीय भाषाओं में हो झारखंडी वीरों की गाथाओं पर प्रसारण

झारखंड: रांची के सांसद संजय सेठ में नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना प्रसारण खेलकूद एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। इस मुलाकात के क्रम में सांसद उन्हें सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में आने का आमंत्रण दिया। रांची सहित झारखंड के विभिन्न बिंदुओं से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। केंद्रीय मंत्री को दिए गए ज्ञापन में सांसद ने डीडी झारखंड, खेल गांव सहित पत्रकारों के कल्याण पर भी चर्चा की।
अपने ज्ञापन में सांसद ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राजधानी रांची में स्थित खेलगांव एशिया महादेश का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स कंपलेक्स है। परंतु इसका पूरी तरह सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। यहां पर केंद्रीय खेल विश्वविद्यालय खोलने की योजना पर काम करना चाहिए। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण शिविर यहां आयोजित होना चाहिए। इससे देशभर के खिलाड़ी एक दूसरे से जुड़ सकेंगे।
सांसद ने ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया कि आजादी के अमृत काल में झारखंड दूरदर्शन के द्वारा राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों, वीर बलिदानीयों सहित सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तित्व के जीवन की पटकथा का प्रसारण क्षेत्रीय भाषाओं में होना चाहिए। ताकि लोग अपने राज्य की महान विभूतियों के वीर गाथाओं से अवगत हो सकें।
श्री सेठ ने मंत्री से कहा कि रांची दूरदर्शन पर 24 घंटे का प्रसारण आरंभ हो चुका है। 24 घंटे प्रसारित इस चैनल की उपलब्धता डीटीएच, टाटा स्काई, एयरटेल टीवी जैसे प्लेटफार्म पर नहीं है। इस वजह से लोग चाह कर भी यहां की खबरें अन्य क्षेत्रों में देखने से वंचित रह जाते हैं। इस दिशा में भी काम करने की आवश्यकता है। वहीं झारखंड सहित देशभर में बड़ी संख्या में यूट्यूब चैनल चल रहे हैं, जो खबरों का प्रसारण करते हैं। ग्राउंड लेवल पर उनके पास कई बार बेहतर समाचार होते हैं, इनके प्रसारण को मान्यता मिल सके। इस दिशा में शीघ्रता से काम करने की आवश्यकता है। एक नियमावली बनाकर ऐसे यूट्यूब चैनलों को मान्यता देने, उनका निबंधन कराने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
श्री सेठ ने अपने पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में पत्रकार काम करते हैं। कई बार उनका काम जोखिम भरा होता है। ऐसे पत्रकारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा, उनके परिवार का स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं उन्हें मुहैया कराने की दिशा में काम करना चाहिए। इसके साथ ही इसके लिए भी एक राष्ट्रीय स्तर की नियमावली बनाना चाहिए।
वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म के मामले में सांसद ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वर्तमान समय में फिल्मों की बाढ़ सी आई है। इसके प्रति नागरिकों का आकर्षण भी बढ़ा है। यहां क्रिएटिविटी के नाम पर अश्लीलता भी परोसी जा रही है। बड़ी संख्या में ऐसी सामग्री आ रही है, जो गाली गलौज और अश्लीलता से भरी होती है। कई बार इसकी सामग्री परिवार के साथ बैठकर देखने लायक नहीं होती। ऐसी संस्थाओं को दिशा निर्देश दिए जाने की जरूरत है। आवश्यकता पड़ने पर कठोर कार्रवाई करने की भी जरूरत है।

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