विधायक के मास्टर स्ट्रोक से रघुवर दास के विरोधी हुए गोलबंद,जेल में जाकर मिले दंगा कराने वाले आरोपियों से

झारखंड : कहते हैं कि दुश्मन का विरोधी दोस्त होता है और राजनीति में जोड़-तोड़ सब जायज है। ऐसा ही कुछ झारखंड की आर्थिक राजधानी जमशेदपुर पूर्व के निर्दलीय विधायक सरयू राय के मास्टर स्ट्रोक के कारण संभव हुआ है। जिसके कारण पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के घोर विरोधी केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित भाजपा के कूच अन्य नेता जेल में बंद दंगा के आरोपियों से मुलाकात की है। साथ ही यह संदेश देने का प्रयास किया है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास का समूल सफाया कर दिया जाएगा।
झारखंड की आर्थिक राजधानी जमशेदपुर में भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है। जो अब खुलकर सामने आने लगा है। लेकिन भाजपा के नेता ही एक दूसरे को पटकनी देने के लिए सीधे भीड़ तो नहीं रहे हैं लेकिन छुप कर एक दूसरे पर वार करने से चूक भी नहीं रहे हैं। जमशेदपुर में भाजपा के दिग्गज नेता रहते हैं। जिसमें भाजपा के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, भाजपा के पूर्व मंत्री सह निर्दलीय विधायक सरजू राय, डाक्टर दिनेश नंद गोस्वामी, सहित अनेक भाजपा नेता यहां रहते हैं। सबकी अपनी डफली अपना राग है। कहने के लिए वे भाजपा के बैनर तले एक साथ दिखते जरूर है। लेकिन उनका राजनीतिक अपने हिसाब से अपने फायदे के लिए होते रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने कार्यशैली के कारण सबसे अधिक विरोधियों की फौज खड़ी कर रखी है । उन पर आरोप है कि उन्होंने मनमानी करते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से अपने लोगों को भाजपा के सभी संगठनों में सबसे अधिक लोगों को पदस्थापित कर दिया है। जिस का जमकर विरोध हो रहा है और सब अपने हिसाब से शतरंज का विशाद बिछा रहे हैं। रघुवर दास को हर हाल में विरोधी उखाड़ कर फेंकना चाहते हैं। जबकि रघुवर दास ने अपने खेमा मजबूती से किलेबंदी कर रखी है। रघुवर दास ने विगत विधानसभा चुनाव में ऐन मौके पर जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा से उस समय के मंत्री सरयू राय का भाजपा से टिकट कटवा कर पत्ता साफ कर दिया। इससे सरयू राय ने अपने मान सम्मान का हनन माना। वे जनता के बीच अपनी पीड़ा रखी। जिसका लाभ उन्हें मिला। उनको जनता का अपार सहानुभूति लहर के रूप में मिला। जिसके कारण उन्होंने अपने घोर विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री और पांच बार के विधायक रहे रघुवर दास को उन्हीं के ही विधान क्षेत्र से हरा दिया। सरयू राय निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए। अब तक यह दुश्मनी बरकरार है। विधायक सरयू राय को चाणक्य के रूप में माना जाता है।उनका हरदाव अपने विरोधी को प्रस्त करने के लिए होता है। उन्होंने ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला में घसीट कर खड़ा कर दिया था । जिसके कारण लालू प्रसाद जेल की हवा खा रहे हैं और अपराधी बन गए हैं। वही सरयू राय ने रघुवर दास के साथ भाजपा को कमजोर करने के अभियान में लग गए हैं। इसके लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। हाल के दिनों में कदमा क्षेत्र में दंगा भड़का, जिसमें हिंदू संगठन और भाजपा के अनेक लोगों को जिला प्रशासन ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उस दौरान गिरफ्तार हुए भाजपा और हिंदू संगठन के लोगों से मिलने के लिए कोई भी भाजपा नेता नहीं आया। मौका पाकर सरजू राय ने चौका मार दिया और वे पहुंच गए अपराधिक पृष्ठभूमि के भाजपा नेता अभय सिंह और हिंदू संगठन के लोगों से मुलाकात करने। दूसरे दिन भी अभय सिंह के समर्थन में एसएसपी से मिलने गए। अधिवक्ता चंदन चौबे और उनके अन्य साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यहां भी सरजू राय पहुंच गए। उनसे मिल कर सभी गिरफ्तार लोगों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रशासन पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया ।जाहिर है उनके इस प्रयास से भाजपा का एक घड़ा सरयू राय के प्रति साहनभूती रखते हुए आने वाले चुनाव में कार्यकर्ता के रूप में काम करेगा। वही अभय सिंह के आवास के आसपास कुछ बूथ हैं जिस पर अभय सिंह का जबरदस्त प्रभाव रहता है। इसका लाभ भी सरयू राय को मिलेगा। सरयू राय के इस प्रयास को देखते हुए भाजपा के नेताओं के कान खड़े हो गए। आनन-फानन में रांची से कुछ भाजपा नेता गिरफ्तार लोगों से मिलने पहुंच गए। जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो हिंदू संगठन के लोगों औरअभय सिंह से मुलाकात की। यहां मिलने का सिलसिला जारी हो गया। वही मौका अच्छा देखकर रघुवर दास के घोर विरोधी केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी जेल में बंद अभय सिंह और हिंदू संगठन के नेताओं के साथ से मुलाकात की। अर्जुन मुंडा के साथ सरायकेला खरसावां के भाजपा जिला अध्यक्ष रहे शैलेंद्र राय, जमशेदपुर के भाजपा नेता विनोद सिंह, कृष्णा शर्मा, काली शर्मा सहित अन्य लोग घाघीडीह जेल पहुंचकर मुलाकात की।उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। गौरतलब हो कि जिस दिन अपराधिक पृष्ठभूमि के भाजपा नेता अभय सिंह और उनके साथ अन्य हिन्दू समर्थकों की गिरफ्तार हुए थी उस दौरान भाजपा से एक भी नेता मुलाकात करने के लिए नहीं गया और ना ही उनके समर्थन में कोई बयान जारी किए। इस बात को लेकर स्थानीय मीडिया ने खूब शोर मचाया ।उस दौरान निर्दलीय विधायक सरयू राय ही पहले ऐसा नेता थे जो अभय सिंह और हिंदू संगठन से जुड़े अन्य नेताओं से मुलाकात की जो दंगा भड़काने के आरोप में जेल जा रहे थे।

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