गर्व के आंसुओं के साथ तिरंगे में लौटे हरकृष्ण का सैन्य सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार

*पुंछ में हुए आतंकी हमले में अपने चार साथियों सहित पिया था शहादत का जाम

*हजारों लोगों ने नम आंखों से दी क्षेत्र के लाडले को अंतिम विदाई

तलवंडी , 22 अप्रैल : दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सैन्य वाहन पर हुए आतंकी हमले में अपने चार साथियों सहित शहादत का जाम पीने वाले सेना की 49 राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही हरकृष्ण सिंह का गांव तलवंडी भरथ में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। कर्नल वैभव व सूबेदार प्रेम सिंह पंवार के नेतृत्व में तिब्बड़ी कैंट से आई सेना की 11 गढ़वाल यूनिट के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर बिगुल की गौरवशाली धुन के साथ हवा में गोलियां दागते हुए शहीद को सलामी दी। इससे पहले तिरंगे में।लिपटी हुई बलिदानी सैनिक हरकृष्ण की पार्थिव देह जब गांव पहुंची तो हर आंख नम थी, पत्थर की मूर्त बनी शहीद की माता प्यार कौर व पत्नी दलजीत कौर एकटक हरकृष्ण के पार्थिव शरीर को निहार रही थीं।

मां व पत्नी ने हरकृष्ण की अर्थी को कंधा देकर दी अंतिम विदाई

उस समय माहौल अत्यंत गमगीन हो गया जब शहीद सिपाही हरकृष्ण सिंह की मां प्यार कौर व पत्नी दलजीत कौर ने उसकी अर्थी को कंधा दिया उस समय हर कोई कह रहा था कि ईश्वर यह दिन किसी को न दिखाए। शहीद सिपाही हरकृष्ण सिंह की दो साल की मासूम बेटी खुशप्रीत ने जब शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो श्मशान घाट पर मौजूद हर आंख नम हो उठी तथा सारा श्मशान घाट शहीद हरकृष्ण सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, भारतीय सेना जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के जयघोष से गूंज उठा। 

सी.एम मान ने फोन पर शहीद परिवार को बढ़ाया ढांढस

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बलिदानी सैनिक हरकृष्ण सिंह के पिता मंगल व शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की से फोन पर बात करते हुए शहीद के पिता को ढांढस बंधाते हुए हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में पंजाब सरकार उनके साथ खड़ी है और मैं शीघ्र ही आपके घर आपसे मिलने आऊंगा। इस अवसर पर शहीद के पिता मंगल सिंह तथा कुंवर रविंदर विक्की ने सी.एम मान से गांव में शहीद की याद में यादगिरी गेट,स्टेडियम, सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम रखने व शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की अपील की तो मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शहीद परिवार की सभी मांगे पूरी करेगी और इन मांगों को पूरी करने के सभी कागजात वह अपने साथ लेकर आएंगे तथा सरकार की पॉलिसी के अनुसार शहीद परिवार को एक करोड़ रुपए की राशि का चेक भी दिया जायेगा।

मां बोली-बेटा कहता था देश के लिए पैदा हुआ हूं, देश के लिए कुर्बानी दूंगा आप रोना मत

मां प्यार कौर ने गर्व के आंसुओं के साथ कहा कि मेरा बेटा बचपन से ही देशभक्त था जो अक्सर कहा करता था कि मां मेरी जिंदगी देश की अमानत है मैं देश के लिए पैदा हुआ हूं और देश के लिए कुर्बानी दूंगा मगर आप मेरे बलिदान पर रोना मत इसलिए आज मैं अपने बेटे की शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी, मुझे अपने लाडले के बलिदान पर गर्व है।

पिता बोला- हरकृष्ण बचपन में मेरी वर्दी पहन लेता था

शहीद सिपाही हरकृष्ण सिंह के पिता रिटायर्ड नायक मंगल सिंह ने कहा कि मैं खुद एक सैनिक रहा हूं जब भी मैं घर छुट्टी आता था तो हरकृष्ण मेरी वर्दी को काटकर छोटी कर खुद पहन लेता था और कहता था कि मैं भी बड़ा होकर फौजी बनूंगाऔर देश के लिए कुछ ऐसा कर जाऊंगा के आपको मुझपर गर्व होगा।

पत्नी बोली- बेटी को आई.पी.एस बना करूंगी पति का सपना साकार

शहीद सिपाही हरकृष्ण सिंह के पत्नी दलजीत कौर ने नम आंखों से कहा कि उनके पति अपनी बेटी को आईपीएस अफसर बनाना चाहते थे, बेशक आज वो मुझे बेसहारा छोड़कर वतन पर कुर्बान हो गए हैं मगर मैं अपनी बेटी को आईपीएस अफसर बना कर उनके सपने को जरूर साकार करूंगी। उसने कहा कि मुझे अपने पति के बलिदान पर गर्व है जो मुझे एक शहीद की पत्नी का दर्जा दे गए हैं।

जिला प्रशासन शहीद परिवार के साथ है खड़ा: डी.सी हिमांशु

इस अवसर पर जिलाधीश डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने शहीद परिवार को होंसला देते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में जिला प्रशासन उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी शहीद परिवार से बात कर उनके मनोबल को बढ़ाया है और वो शीघ्र ही परिवार से मुलाकात कर उनकी हर मांग को पूरा करेंगे।

आतंक के पोशक पाकिस्तान को एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत: कुंवर विक्की

इस पर अवसर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि पुंछ में सैन्य वाहन पर हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान की शह पर हुआ है, उसने वर्षों से कश्मीर में जो मिनी युद्ध छेड़ा हुआ है उसमें आए दिन हमारे सैनिक अपने बलिदान दे रहे हैं इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि अपने पांच जवानों के बलिदान का बदला पाकिस्तान पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर ले ताकि भविष्य में कोई भी सैनिक शहादत का जाम न पी सके। उन्होंने शहीद परिवार को फोन कर ढांढस बंधाने और परिवार से भेंट कर  हर मांग पूरी करने का भरोसा देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान का आभार व्यक्त किया। 

और छलक उठे आंसू….

जब शहीद सिपाही हरकृष्ण सिंह की चिता को उनकी दो साल की बेटी खुशप्रीत ने अग्नि दिखाई तो शहीद की पार्थिव देह के साथ आए उनकी यूनिट के सूबेदार सुखजिंदर सिंह अपने आंसू न रोक पाए उन्होंने कहा कि हरकृष्ण सारी यूनिट का लाडला था उनके बलिदान ने हमने अपना।एक अनमोल हीरा को दिया है।

शहीद के अंतिम दर्शन न कर सका परिवार

इस अवसर पर बलिदानी हरकृष्ण का परिवार उनकी पार्थिव देह लेकर आए सैनिकों से उसके अंतिम दर्शन करने की गुहार लगाता रहा लेकिन उनकी यूनिट के सूबेदार सुखजिंदर सिंह ने यह कह कर मना कर दिया कि हरकृष्ण का पार्थिव शरीर देखने की स्थिति में नहीं है इससे उन्हें और भी कष्ट होगा। उन्होंने कहा सारी यूनिट के जवान उनके बेटे समान हैं तथा इस दुख की घड़ी में भारतीय सेना उनके साथ खड़ी है।

इन्होंने अर्पित की श्रद्धांजलि

इस अवसर पर जिलाधीश डॉ.  हिमांशु अग्रवाल, कर्नल वैभव वडेहरा, विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी,  पनसप पंजाब के चेयरमैन बलबीर सिंह पन्नू, एसएसपी अश्वनी गोटियाल,  शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, शहीद लेफ्टीनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, एसडीएम शायरी भंडारी, पूर्व विधायक फतेहजांग सिंह बाजवा, पूर्व विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल, तहसीलदार लखविंदर सिंह, सरपंच भगवंत सिंह,  हवलदार मंजीत सिंह,  शहीद के ताया मंगल सिंह, चाचा सुरजीत सिंह, भाई रंजीत सिंह व अवतार सिंह, बहनें सर्वजीत कौर व ऋतु , नंबरदार महंगा सिंह आदि ने रीथ चढ़ा कर इस शौर्यवीर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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