बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की सहरसा जेल से अंतत गुरुवार को रिहाई हो गई। गुरुवार की अहले सुबह वे जब जेल से रिहाई हुई। कागजी प्रक्रिया पहले ही पूरी हो गई थी। गुरुवार की सुबह जब उनके समर्थकों का काफिला जेल के बाहर पहुंचने लगे तब पता चला कि आनंद मोहन को सुबह में ही छोड़ दिया गया है। गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी आनंद मोहन की रिहाई के मामले पर दिल्ली से बिहार टीके सियासी तूफान मचा था। कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने इस मामले पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग भी की थी। उन्होंने नीतीश कुमार पीआर भी सुशासन के नाम पर सवाल खड़ा कर दिया था। बताया गया की 1994 में डीएम हत्याकांड में आनंद मोहन जेल गए थे। दरअसल आनंद मोहन अपने बेटे की सगाई पर 15 दिनों की पैरोल पर बाहर आए थे। बुधवार को ही उन्होंने सरेंडर किया था। अब अचानक अल सुबह में जेल से छोड़े जाने को लेकर यह माना जा रहा है कि समर्थकों का जमावड़ा लगता। उनका स्वागत किया जाता। मीडियाकर्मी कई सवाल पूछते। इन सबसे से बचने के लिए ऐसा किया जा सकता है। हालांकि जेल से निकलने के बाद वह कहां गए हैं इसके बारे में अभी किसी को जानकारी नहीं है।16 साल बाद जेल से रिहा हुए आनंद मोहन
शिवहर से पूर्व सांसद आनंद मोहन पर 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या का आरोप लगा था। 2007 में पटना हाईकोर्ट ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2008 में उनकी सजा को हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था। पिछले दिनों नीतीश सरकार ने कारा नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई के आदेश जारी किए। गुरुवार सुबह आनंद मोहन करीब 16 साल बाद जेल से रिहा हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इसके लिए आभार भी जताया।