हिंसा में गई 54 लोगों की जान
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की कमान संभाल रहे देश के प्रख्यात आईएएस डॉ. विनीत जोशी को मणिपुर की कमान सौंपी गई है। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच हालात संभालने के लिए राज्य के मुख्य सचिव के तौर पर विनीत जोशी को बुलाया गया है। राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के लोगों और पहाड़ी इलाकों में बसे कूकी और नागा समुदायों के बीच हिंसा का दौर जारी है। मैतेई समुदाय के लोगों को एसटी का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव को लेकर यह हिंसा छिड़ी है। इस बीच राज्य सरकार की ओर से विनीत जोशी की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया है। राज्य सरकार ने अपने आदेश में लिखा, ‘प्रदेश सरकार को डॉ. विनीत जोशी को तत्काल प्रभाव मुख्य सचिव नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है ।’ डॉ. विनीत जोशी को अब तक मुख्य सचिव रहे डॉ. राजेश कुमार की जगह पर यह जिम्मा मिला है। सीबीएसई के चेयरमैन के तौर पर भी विनीत जोशी लंबे समय तक काम कर चुके हैं और कई सुधारों को अंजाम देने में उनकी अहम भूमिका रही है। विनीत जोशी ने इलाहाबाद के एनी बेसेंट स्कूल और जीआईसी शुरुआती पढ़ाई की थी। आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एमबीए भी किया था। इसके बाद 1992 में मणिपुर बैच से आईएएस अधिकारी बने । तीन दशक लंबे अनुभव के दौरान उन्होंने खेल मंत्रालय से लेकर शिक्षा विभाग तक अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। मणिपुर के मामलों के वह जानकार माने जाते हैं। ऐसे में वह मणिपुर के हालातों को समझते हुए जरूरी कदम उठा सकेंगे। इसी उम्मीद में सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त किया है। बताया गया की मणिपुर की हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। 3000 से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है। इनमें से 2300 लोग असम चले गए हैं तो वहीं 300 लोगों ने मिजोरम में शरण ली है। यही नहीं पड़ोसी देश म्यांमार में भी 300 लोगों ने शरण मांगी है। बिहार, यूपी समेत देश के कई राज्यों से 23000 ज्यादा लोगों को मणिपुर से बाहर निकाला है। इस बीच यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, जहां शीर्ष अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह विस्थापितों को उनके घरों में वापस लाए और धार्मिक स्थलों की रक्षा करे।