नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने का पास्टर पर लगा आरोप,एफ आई आर दर्ज

झारखंड: प्रदेश में आदिवासियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला अक्सर चर्चा में रहा है। जिसका आदिवासी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने अक्सर विरोध किया है। अब ऐसा ही एक मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर की रहने वाली दो आदिवासी नाबालिग बच्चियों का है।यह मामला तूल पकड़ने लगा है।आरोप है कि पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू ने दो आदिवासी बच्चियों को भागकर ले गया है और उन बच्चियों का धर्म परिवर्तन करा दिया है। इस संबंध में परिजनों ने पास्टर के विरुद्ध थाना में लिखित एफ आई आर दर्ज कराई है।
इस संबंध में पीड़िता के परिजनों ने चक्रधरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। साथ ही यह सीधे तौर पर चर्च के पास्टर पर दोनो नाबालिग बच्चियों पर बहला- फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने और भगाने का आरोप लगाया है।परिजनों की शिकायत के बाद चक्रधरपुर पुलिस ने पुरे मामले की जांच में जुट गई है।
पीड़िता की मां ने बताया कि 8 मई सोमवार की रात लगभग 9 बजे उनकी 15 और 17 साल की दो बेटियां अपने घर के छत पर गयी थी।जब काफी देर तक दोनो बेटियां छत से नीचे नहीं उतरी तब मां ने छत पर जाकर देखा तो दोनों बेटियां वहां नही थी।जिसके बाद दोनों की खोजबीन की गयी।लेकिन दोनों नाबालिग बेटियों का पता नहीं चला। महिला ने संदेह के आधार पर जमशेदपुर लोको कॉलोनी निवासी चर्च के एक ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू पर दोनों बेटियों को बहला फुसला कर कहीं भगा ले जाने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है।बच्चियों की माँ ने बताया कि चन्द्रमोहन से अपनी बेटियों के बारे में पूछे जाने पर वह कुछ भी नहीं बता रहा है। पीड़िता की मां के अनुसार चंद्रमोहन पिछले 1 साल से उसके बेटी के साथ बात चीत किया करता था और ईसाई धर्म अपनाने की बात किया करता था। इतना ही नहीं ईसाई धर्म अपनाने पर उन्हें कई तरह की सुविधा और फायदे भी देने का बात कहता था। धीरे-धीरे दोनों बेटी उसकी बातों में आ गई थी।उनकी बच्चियां उनकी ही बात नहीं सुनने लगी थी।
मां ने पुलिस से मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई कर नाबालिग बेटियों को ढूंढने की अपील की है। साथ ही कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। चक्रधरपुर पुलिस भी पुरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गयी है। दूसरी ओर आदिवासी समुदाय के अनेक संस्थाओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है।
चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार ने बताया है कि शिकायत मिलते ही मामले पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है।नाबालिग बच्चियों को ढूंढ निकालने को लेकर पुलिस पूरी प्रयास कर रही है। कराने का मामला अक्सर चर्चा में रहा है। जिसका आदिवासी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने अक्सर विरोध किया है। अब ऐसा ही एक मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर से आदिवासी दो नाबालिग बच्चियों के लापता होने का है।यह मामला तूल पकड़ने लगा है।आरोप पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू पर लगा है। आरोप है कि पास्टर ने दो आदिवासी बच्चियों को भागकर ले गया है और उन बच्चियों का धर्म परिवर्तन करा दिया है। इस संबंध में परिजनों ने पास्टर के विरुद्ध थाना में लिखित एफ आई आर दर्ज कराई है।
इस संबंध में पीड़िता के परिजनों ने चक्रधरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। साथ ही यह सीधे तौर पर चर्च के पास्टर पर दोनो नाबालिग बच्चियों पर बहला- फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने और भगाने का आरोप लगाया है।परिजनों की शिकायत के बाद चक्रधरपुर पुलिस ने पुरे मामले की जांच में जुट गई है।
पीड़िता की मां ने बताया कि 8 मई सोमवार की रात लगभग 9 बजे उनकी 15 और 17 साल की दो बेटियां अपने घर के छत पर गयी थी।जब काफी देर तक दोनो बेटियां छत से नीचे नहीं उतरी तब मां ने छत पर जाकर देखा तो दोनों बेटियां वहां नही थी।जिसके बाद दोनों की खोजबीन की गयी।लेकिन दोनों नाबालिग बेटियों का पता नहीं चला। महिला ने संदेह के आधार पर जमशेदपुर लोको कॉलोनी निवासी चर्च के एक ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू पर दोनों बेटियों को बहला फुसला कर कहीं भगा ले जाने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है।बच्चियों की माँ ने बताया कि चन्द्रमोहन से अपनी बेटियों के बारे में पूछे जाने पर वह कुछ भी नहीं बता रहा है। पीड़िता की मां के अनुसार चंद्रमोहन पिछले 1 साल से उसके बेटी के साथ बात चीत किया करता था और ईसाई धर्म अपनाने की बात किया करता था। इतना ही नहीं ईसाई धर्म अपनाने पर उन्हें कई तरह की सुविधा और फायदे भी देने का बात कहता था। धीरे-धीरे दोनों बेटी उसकी बातों में आ गई थी।उनकी बच्चियां उनकी ही बात नहीं सुनने लगी थी।
मां ने पुलिस से मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई कर नाबालिग बेटियों को ढूंढने की अपील की है। साथ ही कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। चक्रधरपुर पुलिस भी पुरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गयी है। दूसरी ओर आदिवासी समुदाय के अनेक संस्थाओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है।
चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार ने बताया है कि शिकायत मिलते ही मामले पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है।नाबालिग बच्चियों को ढूंढ निकालने को लेकर पुलिस पूरी प्रयास कर रही है।

झारखंड: प्रदेश में आदिवासियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला अक्सर चर्चा में रहा है। जिसका आदिवासी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने अक्सर विरोध किया है। अब ऐसा ही एक मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर की रहने वाली दो आदिवासी नाबालिग बच्चियों का है।यह मामला तूल पकड़ने लगा है।आरोप है कि पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू ने दो आदिवासी बच्चियों को भागकर ले गया है और उन बच्चियों का धर्म परिवर्तन करा दिया है। इस संबंध में परिजनों ने पास्टर के विरुद्ध थाना में लिखित एफ आई आर दर्ज कराई है।
इस संबंध में पीड़िता के परिजनों ने चक्रधरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। साथ ही यह सीधे तौर पर चर्च के पास्टर पर दोनो नाबालिग बच्चियों पर बहला- फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने और भगाने का आरोप लगाया है।परिजनों की शिकायत के बाद चक्रधरपुर पुलिस ने पुरे मामले की जांच में जुट गई है।
पीड़िता की मां ने बताया कि 8 मई सोमवार की रात लगभग 9 बजे उनकी 15 और 17 साल की दो बेटियां अपने घर के छत पर गयी थी।जब काफी देर तक दोनो बेटियां छत से नीचे नहीं उतरी तब मां ने छत पर जाकर देखा तो दोनों बेटियां वहां नही थी।जिसके बाद दोनों की खोजबीन की गयी।लेकिन दोनों नाबालिग बेटियों का पता नहीं चला। महिला ने संदेह के आधार पर जमशेदपुर लोको कॉलोनी निवासी चर्च के एक ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू पर दोनों बेटियों को बहला फुसला कर कहीं भगा ले जाने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है।बच्चियों की माँ ने बताया कि चन्द्रमोहन से अपनी बेटियों के बारे में पूछे जाने पर वह कुछ भी नहीं बता रहा है। पीड़िता की मां के अनुसार चंद्रमोहन पिछले 1 साल से उसके बेटी के साथ बात चीत किया करता था और ईसाई धर्म अपनाने की बात किया करता था। इतना ही नहीं ईसाई धर्म अपनाने पर उन्हें कई तरह की सुविधा और फायदे भी देने का बात कहता था। धीरे-धीरे दोनों बेटी उसकी बातों में आ गई थी।उनकी बच्चियां उनकी ही बात नहीं सुनने लगी थी।
मां ने पुलिस से मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई कर नाबालिग बेटियों को ढूंढने की अपील की है। साथ ही कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। चक्रधरपुर पुलिस भी पुरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गयी है। दूसरी ओर आदिवासी समुदाय के अनेक संस्थाओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है।
चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार ने बताया है कि शिकायत मिलते ही मामले पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है।नाबालिग बच्चियों को ढूंढ निकालने को लेकर पुलिस पूरी प्रयास कर रही है। कराने का मामला अक्सर चर्चा में रहा है। जिसका आदिवासी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने अक्सर विरोध किया है। अब ऐसा ही एक मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर से आदिवासी दो नाबालिग बच्चियों के लापता होने का है।यह मामला तूल पकड़ने लगा है।आरोप पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू पर लगा है। आरोप है कि पास्टर ने दो आदिवासी बच्चियों को भागकर ले गया है और उन बच्चियों का धर्म परिवर्तन करा दिया है। इस संबंध में परिजनों ने पास्टर के विरुद्ध थाना में लिखित एफ आई आर दर्ज कराई है।
इस संबंध में पीड़िता के परिजनों ने चक्रधरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। साथ ही यह सीधे तौर पर चर्च के पास्टर पर दोनो नाबालिग बच्चियों पर बहला- फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने और भगाने का आरोप लगाया है।परिजनों की शिकायत के बाद चक्रधरपुर पुलिस ने पुरे मामले की जांच में जुट गई है।
पीड़िता की मां ने बताया कि 8 मई सोमवार की रात लगभग 9 बजे उनकी 15 और 17 साल की दो बेटियां अपने घर के छत पर गयी थी।जब काफी देर तक दोनो बेटियां छत से नीचे नहीं उतरी तब मां ने छत पर जाकर देखा तो दोनों बेटियां वहां नही थी।जिसके बाद दोनों की खोजबीन की गयी।लेकिन दोनों नाबालिग बेटियों का पता नहीं चला। महिला ने संदेह के आधार पर जमशेदपुर लोको कॉलोनी निवासी चर्च के एक ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर चन्द्रमोहन उर्फ़ राजू पर दोनों बेटियों को बहला फुसला कर कहीं भगा ले जाने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है।बच्चियों की माँ ने बताया कि चन्द्रमोहन से अपनी बेटियों के बारे में पूछे जाने पर वह कुछ भी नहीं बता रहा है। पीड़िता की मां के अनुसार चंद्रमोहन पिछले 1 साल से उसके बेटी के साथ बात चीत किया करता था और ईसाई धर्म अपनाने की बात किया करता था। इतना ही नहीं ईसाई धर्म अपनाने पर उन्हें कई तरह की सुविधा और फायदे भी देने का बात कहता था। धीरे-धीरे दोनों बेटी उसकी बातों में आ गई थी।उनकी बच्चियां उनकी ही बात नहीं सुनने लगी थी।
मां ने पुलिस से मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई कर नाबालिग बेटियों को ढूंढने की अपील की है। साथ ही कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। चक्रधरपुर पुलिस भी पुरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गयी है। दूसरी ओर आदिवासी समुदाय के अनेक संस्थाओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है।
चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार ने बताया है कि शिकायत मिलते ही मामले पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है।नाबालिग बच्चियों को ढूंढ निकालने को लेकर पुलिस पूरी प्रयास कर रही है।

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