जुलाई, 2023 तक खोलेगा 7 नये रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन और सर्विस सेंटर, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3000 ड्रोन बिक्री का लक्ष्य
22 मई, गुरुग्राम: भारत के अग्रणी कृषि-ड्रोन निर्माता कंपनी आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने घोषणा की है कि कंपनी इस साल जुलाई तक 5 राज्यों में 7 रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन (आरपीटीओ) खोलने पर काम कर रही है। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में 3000 ड्रोन की बिक्री का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले वर्ष के 500 ड्रोन की तुलना में 6 गुना है। अभी कंपनी आरपीटीओ के लिए कई विश्वविद्यालयों और दूसरे संस्थानों से सहयोग ले रही हैं। नये आरपीटीओ भी प्रसिद्ध संस्थानों के साथ साझेदारी में खोले जाएंगे।
आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज और अनूप उपाध्याय ने बताया कि उनकी कंपनी भारत की पहली ड्रोन निर्माण कंपनी है जिसे केंद्र सरकार ने उनके कृषि ड्रोन ‘एग्रीबोट’ के लिए पहली टाइप सर्टिफिकेट (TC) से नवाजा है। अपने नेटवर्क के विस्तार और बिक्री के बाद अब सेवा प्रदान करने के लिए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कृषि-ड्रोन के लिए एक नया सेवा केंद्र खोलने जा रही है।
नए प्रकार के कृषि-ड्रोन लांच करने के साथ ही पिछले महीने कंपनी ने अपनी नए उत्पाद श्रृंखला का अनावरण किया था। अपने सुप्रसिद्ध ड्रोन ‘एग्रीबोट’ का छोटा स्वरुप कंपनी पहले ही प्रदर्शित कर चुकी है।
कंपनी के सह-संस्थापक एवं निदेशक दीपक भारद्वाज ने कहा, “आगामी आरपीटीओ में से दो इस महीने काम करने लगेंगे। ये घरौंदा (हरियाणा) और जोबनेर (राजस्थान) में स्थित होंगे।”
जून, 2023 के महीने में तीन और आरपीटीओ का संचालन गुरुग्राम (हरियाणा), चिकबल्लपुर (कर्णाटक) और समस्तीपुर (बिहार) शुरू हो जाएगा, उन्होंने कहा और जोड़ते हुए बताया कि बाकी के दो आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी और विजयवाड़ा में जुलाई 2023 में संचालित हो जायेंगे। इन आरपीटीओ की क्षमता प्रत्येक स्थान पर सालाना 360 नये ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षित करने की होगी।
कंपनी ने अभी तक 400 से ज्यादा पायलटों को प्रशिक्षण दिलवाने में सहायता की है।
आयोटेकवर्ल्ड अभी 12 राज्यों में काम कर रही है और वर्तमान वित्तीय वर्ष में नये क्षेत्रों में विस्तार करेगी।
आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक एवं निदेशक अनूप उपाध्याय ने कहा कि “वर्ष 2022-23 में हमने 500 से ज्यादा ड्रोन बेचे और इस साल का लक्ष्य कम से कम 3000 ड्रोन का है। लक्ष्य हासिल करने के साथ-साथ और भी ज्यादा पाने की योजना भी तैयार हैं।”
रणनीति की और जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 7 नये रिमोट पायलट ट्रेनिंग संगठन (आरपीटीओ) नये पायलटों को प्रशिक्षित करने में आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन की मदद करेंगे, जो ड्रोनों को सुरक्षा और कुशलता के साथ संचालित कर पायेंगे।
श्री उपाध्याय ने बताया कि इस कदम से ड्रोन इंडस्ट्री में रोजगार के नये अवसर उत्पन्न होंगे, जो कि भारत में तेजी से बढ़ रही है।
एरियल बोट्स की कीमत पर बात करते हुए श्री भारद्वाज ने कहा कि आयोटेकवर्ल्ड के कृषि-ड्रोन की कीमत पहले ही प्रतिस्पर्धी है, और बिक्री की मात्रा में वृद्धि और कृषि-ड्रोन में स्थानीय पुर्जों की मात्रा बढ़ने के साथ ही कीमतें और भी नीचे आयेंगी। आयोटेकवर्ल्ड के ड्रोन बहुत जल्द ही 70 प्रतिशत से ज्यादा स्थानीय पुर्जों से बनने लगेंगे।
और अधिक सेवा केंद्र होने से कंपनी ग्राहकों की जरूरतों का तेजी से समाधान करने के साथ मरम्म्मत या रखरखाव में लगने वाले समय को भी काफी हद तक कम कर पायेगी, कंपनी ने कहा ।
वहीं श्री उपाध्याय ने कहा कि हम कार्ययोजना से खासे उत्साहित हैं और मानते हैं कि इससे भारत के कृषि-ड्रोन बाजार में आयोटेकवर्ल्ड की स्थिति और भी मजबूत होगी। मूल्यवान ग्राहकों को उच्च-गुणवत्ता कृषि ड्रोन और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं के रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए हम वचनवद्ध हैं।
कंपनी कृषि में ड्रोन उपयोग के लाभ के प्रति जागरूक करने पर काफी ध्यान दे रही है। ये कृषि-ड्रोन ना सिर्फ समय और पैसा बचाते हैं, बल्कि खेत की उत्पादकता में भी वृद्धि करते हैं। इसके अलावा, फसल पर कीटाणुनाशक दवाओं के छिड़काव आदि खेती-बाढ़ी की गतिविधियों में ड्रोन के उपयोग से किसानों को स्वास्थ्य से जुड़े फायदे भी होते हैं।