#MissionHope पहल के तहत पिछले सप्ताह बचाई गई 7 लड़कियों , 8 और लड़कियां आज अपने परिवारों से मिल गईं
साहनी ने कहा कि इन लड़कियों को बेईमान एजेंटों और तथाकथित रोजगार सलाहकारों द्वारा रोजगार के झूठे बहाने ओमान जाने का लालच देकर फंसाया गया था। पंजाब की मूलनिवासियों में पहचान की गई 34 लड़कियों में से पिछले दो हफ्तों के भीतर 15 लड़कियों को भारतीय दूतावास और ओमान सरकार के समन्वय से उनके परिवारों के साथ फिर से मिला दिया गया है।
साहनी, जो विश्व पंजाबी संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि ओमान में फंसी पंजाबी लड़कियों का मामला हमारे संज्ञान में आने के बाद, मेरे संसद कार्यालय की एक टीम ने मस्कट का दौरा किया और विश्व पंजाबी संगठन, ओमान चैप्टर के पदाधिकारियों के साथ मिलकर आश्रय गृहों में फंसी लड़कियों से बातचीत की, जहां साहनी द्वारा लंगर का सहयोग किया जा रहा है। बकौल श्री साहनी उनकी टीम द्वारा अनुचित करारों को समाप्त करने, जुर्माना माफ करने के लिए प्रायोजकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया और फंसी हुई लड़कियों के टिकट की कीमत वहन करने के बाद हमने इन लड़कियों की घर वापसी सुनिश्चित की।
साहनी ने कहा कि इन लड़कियों को नौकरियों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ दिल्ली में वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर और अमृतसर में मल्टी-स्पेशियलिटी स्किल डेवलपमेंट सेंटर में मुफ्त कौशल प्रशिक्षण की पेशकश की गई है।
साहनी ने कहा, ‘इसमें शामिल एजेंटों के खिलाफ पुलिस अधिकारियों द्वारा कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’
ओमान के लिए मिशन होप के बारे में बोलते हुए साहनी ने कहा कि मैं पंजाब से ओमान में फंसी लड़कियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। इस पूरी प्रक्रिया में हम मस्कट और पंजाब में तमाम लड़कियों से मिले, उनकी दर्दभरी दास्तां सुनीं. मेरा कार्यालय पंजाब में उनके परिवारों के साथ लगातार संपर्क में है, मैं इसके लिए दृढ़ संकल्पित हूं और इस तरह की धोखाधड़ी की प्रथाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाते हुए उनकी घर वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में काम करता रहूंगा और उन्हें पंजाब में ही स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करके सम्मानजनक पुनर्वास सुनिश्चित करूंगा।