यमुनानगर 24 मई —नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आयुक्त आयु सिन्हा ने भी सरकार कि भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिया है उन्होने कुछ ही दिनों में विभाग के तीन कर्मचारियों को नौकरी से ही निकाल दिया जिसमें एक जूनियर इंजीनियर स्तर का भी कर्मचारी था
कमिशनर श्री आयुष सिन्हा ने बताया कि सरकार ने पिछले दिनों भूमि स्वामित्व योजना चलायी हुई है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति जो 20 साल से नगर निगम के दुकान या मकान में किराये पर बैठा है वह तय शर्तें पूरी कर और भुगतान करते हैं वह दुकान या मकान अपने नाम करवा सकता है इस विभाग में तैनात क्लार्क अजय ने जानबूझकर इसका फ़ायदा एक होटल वालों को ही देना चाहा था जिसकी क़ीमत क़रीब छह करोड़ रुपये बतायी जाती है लेकिन जैसे ही वे फ़ाइल आगे चली तो ये मामला संज्ञान में आ गया जब इस मामले की जाँच कराई गई तो यह स्पष्ट हो गया कि अजय ने ऐसा जानबूझकर किया है इस बार उसे शोकॉज नोटिस दिया गया जिसका वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया तो इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उसकी सेवाएँ समाप्त कर दी गई
इसी तरह आज कल के सबसे चर्चित प्रॉपर्टी आइडी के मामले में रिश्वत लेने और बिल्डिंग नोटिस को रोकने के मामले में रिश्वत माँगने के आरोप इस विभाग में लगे कर्मचारी हरविंदर पर लगे जो मल्टीपरपज यूटिलिटी कर्मचारी के तौर पर लगा हुआ था जाँच कराने पर जब यह मामला भी सही पाया गया तो उसे भी नौकरी से तत्काल निकाल दिया गया निकाल दिया गया
इसी प्रकार से तीसरा मामला एक जूनियर इंजीनियर का है श्री जयभगवान जूनियर जूनियर इंजीनियर पर यह आरोप था कि उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया था और जाँच में भी यह सही पाया गया इतना ही नहीं उस पर भ्रष्टाचार की भी कई शिकायतें प्राप्त हो चुकी थी जाँच करने पर यह सभी मामले सही पाए जाने पर उसको भी तत्काल नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया
कमिशनर नगर निगम श्री ऑयुष सिन्हा ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य करते हुए अब किसी भी भ्रष्टाचारी को बख़्शा नहीं जाएगा जिस किसी व्यक्ति से भी कोई भी कर्मचारी रिशवत मॉगता है तू वह व्यकित उन्हे सीधे संपर्क कर सकते हैं और जाँच में शिकायत सही पाए जाने पर ऐसे किसी भी कर्मचारी को बख़्शा नहीं जाएगा