केंद्र और कई राज्यों की भाजपा सरकारें गांधी विचार की संस्थाओं पर कब्जा करने, राष्ट्रीय स्मारकों एवं धरोहरों को नष्ट और विरूपित करने पर आमादा हैं।
विदित हो कि भाजपा सरकार जालियांवाला बाग और साबरमती आश्रम को प्रेरणा स्थल के स्वरूप को बदलकर पर्यटन स्थल बना रही है। ऐसी ही कोशिश बनारस में भी की जा रही है। वाराणसी में राजघाट परिसर में स्थित गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा संघ की जमीन हड़प लेने का प्रयास चल रहा है।
वाराणसी के कमिश्नर कौशलराज शर्मा के आदेश से अचानक 15 मई 2023 की शाम 4 बजे प्रशासनिक महकमा गांधी विद्या संस्थान के भवनों पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया और दिल्ली की संस्था इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंप दिया।
ज्ञात हो कि इससे पहले 2 दिसंबर 2020 को सर्व सेवा संघ की जमीन पर *काशी कॉरिडोर के वर्कशॉप* बनाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी, जो अभी के कमिश्नर हैं ,ने बलपूर्वक अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था।
राजघाट परिसर के निकट खिडकिया घाट को नमो घाट बनाया गया है और काशी स्टेशन को मल्टीमॉडल स्टेशन बनाने की योजना है। इस उद्देश्य से बनारस कमिश्नर को जमीन चाहिए और उनकी नजर सर्व सेवा संघ पर आकर टिक गई है।
दरअसल जमीन के बहाने यह सरकार गांधीवादी केंद्रों को खत्म करना चाहती है। इस बीच एक और शर्मनाक घटना हुई है। केंद्र सरकार के इशारे पर रेलवे से सर्व सेवा संघ द्वारा खरीदी गई जमीन को धोखाधड़ी और साजिश बताते हुए उप जिलाधिकारी सदर के यहां एक मुकदमा दायर किया गया है जिसमें सर्व सेवा संघ द्वारा तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश से 1960,1961 और 1970 में खरीदी गई जमीनों को अवैध बताया गया है ।
जबकि ऐतिहासिक तथ्य यह है कि राजघाट की यह जमीन बिनोवा भावे के आग्रह पर तत्कालीन रेलमंत्री माननीय लाल बहादुर शास्त्री ने सर्व सेवा संघ को देना तय किया था। इस मुकदमे का मतलब है कि आचार्य विनोबा भावे, लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, संपूर्णानंद, जगजीवन राम जी ने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से इस जमीन को हथिया लिया है।
सरकार और प्रशासन अपने निहित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपने राष्ट्रीय महापुरुषों को भी लांछित करने से बाज नहीं आ रही है। लेकिन क्या हम सब मौन होकर सरकार की साजिशों को बैठकर देखते रहेंगे या सरकार की इन कोशिशों के खिलाफ आवाज उठाएंगे, प्रतिवाद करेंगे।
संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर अभी 4 और 5 जून 2023 को वाराणसी के राजघाट परिसर में एक *प्रतिरोध सम्मेलन* संपन्न हो चुका है। इसी कड़ी में 17 जून 2023 को राजेंद्र भवन दिल्ली में भी प्रतिरोध सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
इस सम्मेलन के निवेदक आंदोलनरत जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति, सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान (वर्धा), गांधी शांति प्रतिष्ठान (दिल्ली), राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि( दिल्ली), लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान जेपी फाउंडेशन (दिल्ली) और सर्व सेवा संघ और उनके पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता हैं।