—भारत के सभी जिलों में ड्रोन के उपयोग पर बल
—देश के सभी जिलों में डीलर नियुक्त करेगी
गुरुग्राम, 16 जून, 2023: भारत के अग्रणी ड्रोन-विनिर्माता आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3000 ड्रोन बिक्री का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष में 500 की बिक्री का 6 गुना है।
इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए वर्तमान और नये क्षेत्रों में विस्तार के अतिरिक्त आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन डीलर नेटवर्क को और मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है।
आयोटेक अभी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में कार्य कर रही है। कंपनी भारत के सभी राज्यों में सुदृढ़ एवं दूरदर्शी डीलरों की पहचान कर उन्हें नियुक्त कर रही है।
इस पर बोलते हुए कंपनी के सह-संस्थापक और निदेशक द्वय श्री दीपक भारद्वाज और श्री अनूप उपाध्याय ने कहा, “इस वर्ष हम 6 गुना वृद्धि के लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं, और कृषि-ड्रोन में तमाम हितधारकों की रूचि और उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए इस लक्ष्य को पाने के प्रति हम आश्वस्त हैं। वस्तुतः, काफी सारे लोगों ने इस कृषि-तकनीक क्षेत्र में उतरने में अभिरुचि दिखाई है और हम उनका आंकलन कर रहे हैं। हमने और डीलरों से भी अभिरुचि आमंत्रित की है और जल्द ही जिन डीलरों के साथ हमारी भविष्योन्मुख योजना का ताल-मेल बैठेगा, हम जल्द उनके साथ आधिकारिक समझौता करेंगे।”
“किसानों और कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोगों और संगठनों ने हमारे कृषि-ड्रोनों को हाथों-हाथ लिया है, इसलिए हम इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति आश्वस्त हैं। अपनी योजना को लेकर उत्साहित होने के साथ-साथ हमारा मानना है कि इससे भारत के कृषि-ड्रोन बाजार में आयोटेक की स्थिति और भी मजबूत होगी। कंपनी अपने मूल्यवान ग्राहकों को उच्च-गुणवत्ता के कृषि-ड्रोन और सर्वोत्तम ग्राहक सेवा और ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रति कृतसंकल्प है,” श्री अनूप उपाध्याय ने कहा।
एरिअल बोट्स (ड्रोनों) की कीमतों के बारे में श्री दीपक भारद्वाज ने कहा कि हालांकि आयोटेकवर्ल्ड के कृषि-ड्रोन पहले से ही उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं, फिर भी जैसे-जैसे बिक्री की मात्रा बढ़ेगी और इन ड्रोनों में स्थानीय उपकरण बढ़ेंगे, कीमतें और भी कम होने की आशा है। जल्द ही आयोटेकवर्ल्ड के ड्रोन 70 प्रतिशत से ज्यादा स्थानीय उपकरणों से बनने लगेंगे।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार और इफ्को जैसी कंपनियों ने देश में शूक्ष्म-उर्वरक (नानो-फ़र्टिलाइज़र) शुरू किये हैं। आयोटेकवर्ल्ड देश में इन उर्वरकों के उपयोग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती हैं, क्योंकि शूक्ष्म-उर्वरक और कृषि-ड्रोन दोनों के एक साथ उपयोग से समय, कीमत और मिट्टी की गुणता की बचत होगी, साथ ही किसान को बेहतर परिणाम और उपज मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, कंपनी युवा व्यवसायियों और विद्यार्थियों को रिमोट पायलट ट्रेनिंग के लिए कई शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है। इस समय रिमोट पायलट ट्रेनिंग संस्थानों (आरपीटीओ) के लिए कई विश्वविद्यालयों और दूसरे संस्थानों के साथ कंपनी की साझेदारी है। हाल ही में खोले गए आरपीटीओ हरियाणा, राजस्थान और बिहार में शुरू हो चुके हैं, जबकि दो और अगले महीने कार्य करने लगेंगे। आरपीटीओ प्रत्येक स्थान पर साल में 360 ड्रोन पायलट को प्रशिक्षण दे सकते हैं, जबकि कंपनी अभी तक 400 से ज्यादा पायलट को प्रशिक्षित करवा चुकी है।
बिक्री के उपरांत सेवा को कंपनी की भविष्योन्मुखी योजना का अभिन्न हिस्सा मानते हुए आयोटेकवर्ल्ड साथ ही साथ सेवा केंद्र नेटवर्क के विस्तार पर कार्य कर रही है। ज्यादा सेवा केंद्र होने से कंपनी ग्राहकों की आवश्यकताओं को और भी तेजी से समाधान कर सकेगी और मरम्मत एवं रखरखाव में लगने वाले समय को कम कर सकेगी। आयोटेकवर्ल्ड ने हाल ही में पुणे (महाराष्ट्र) में कृषि-ड्रोन के लिए एक सेवा केंद्र शुरू किया है।
‘एग्रीबोट’ डीजीसीए टाइप सर्टिफिकेट (टीसी) प्राप्त करने वाला भारत का पहला ड्रोन है। पिछले महीने ही कंपनी ने नये प्रकार के कृषि-ड्रोन को बाजार में उतारने के साथ उत्पाद श्रृंखला के विस्तार की योजना का अनावरण किया था। कंपनी नये मॉडल को कई मंचों पर प्रदर्शित कर चुकी है।