मोदी सरकार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गरीबों को रोजगार देंगे

खादी ग्रामोद्योग आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
खादी ग्रामोद्योग आयोग ने अगले 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा और बंगाल में स्पिनिंग मिल लगाने का काम करेगा |  इसके अलावा बॉर्डर एरिया में सारे जगह खादी के अपनी दूकान खोलेगा, मणिपुर में कमल के फूल से रेशम और उससे कपडे बनाने का काम करेगा | 
बंगाल के पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व या केंद्रीय सरकार का ज्यादा दिलचस्पी नहीं है | भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रधानमंत्री मोदी ज्यादा चिंतित है आने वाले लोकसभा 2024 का चुनाव को लेकर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर खादी और ग्रामोद्योग कमीशन देशभर के गांव गांव में गरीबों को रोजगार दिलवाने का काम करना शुरू कर दिया है | प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष कुछ राज्यों का दौरा किया और वहां के कौन सी जगह और गांव पर क्या काम करना है उसके लिए एक खाका तैयार किया है जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है | अध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' में मणिपुर का कमल फूल से बनी कोमल रेशम की चर्चा की थी | बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का सिल्क और मुसलिन कपड़े का उत्पादन अच्छा होता है | हमे अपने रिसर्च में पता चला की मुर्शिदाबाद के कॉटन को सूत बनाने या कपडे बनाने के लिए हज़ारीबाग़ ले जाना पड़ता है | खादी ग्रामोद्योग ने मुर्शिदाबाद में 2024 के चुनाव से पहले स्पिनिंग मिल लगाने का काम करेगा | अगले लोकसभा चुनाव से पहले बॉर्डर एरिया में सारे जगह खादी के अपनी दूकान खोलेगा, मणिपुर में कमल के फूल से रेशम और उससे कपडे बनाने का काम करेगा"| 
उन्होंने कहा कि खादी को लेकर भविष्य की कई योजनाएं हैं। इसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ में किया है, खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद बाजार में लाए जाएंगे। क्यों की देश की युवा पीढ़ी का खादी के प्रति लगाव बढ़ रहा है। खादी के उत्‍कृष्‍टता केंद्र (सीईओके) के माध्‍यम से नई फैशनेबल खादी बनाने के लिए खादी को अब यंगिस्तान के हिसाब से तैयार करने की तैयारी है। इसके लिए देश और दुनिया के नए फैशन डिजाइनर राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) और खादी के उत्‍कृष्‍टता केंद्र (सीईओके) की मदद ली जाएगी।अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा की खादी की बिक्री देशभर में बड़े पैमाने पर हो रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाकर दुनिया के सामने एक ऊंचे भारत की एक ऊंची तस्वीर पेश की है। उन्होंने अभीतक देशभर में 12000 किलोमीटर की दौरा किया | आजादी के बाद पहली बार केवीआईसी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। मोदी सरकार बनने के बाद पिछले 9 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरों द्वारा निर्मित स्वदेशी खादी उत्पादों की बिक्री में 332 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का टर्नओवर 31,154 करोड़ रुपये था, वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 1,34,630 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है | इसी तरह, ग्रामीण क्षेत्रों में 9,54,899 नई नौकरियां सृजित करके केवीआईसी ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की 'ब्रांड शक्ति' और देश के सुदूर गांवों में काम करने वाले कारीगरों की अथक मेहनत को दिया है | उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश-विदेश में हर मंच से खादी को बढ़ावा दिया है, जिससे आज खादी लोकप्रियता के नए शिखर पर पहुंच गई है। आज खादी के उत्पाद दुनिया के सबसे भरोसेमंद ब्रांड्स में गिने जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2022-23 में जहां खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन में 268 प्रतिशत की वृद्धि हुई वहीं बिक्री ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 332 प्रतिशत के आंकड़े को छू लिया। यह इस बात का प्रमाण है कि देश की जनता का भरोसा 'मेक इन इंडिया', 'वोकल फॉर लोकल' और 'स्वदेशी उत्पादों' पर बढ़ा है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम-पीएमईजीपी ने देश के युवाओं को प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी अभियान से जोड़ने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह योजना पीएम मोदी के 'नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनने' के सपने को पूरा करती है। वर्ष 2008-09 से वर्ष 2022-23 तक मार्जिन मनी अनुदान राशि 21870.18 करोड़ के वितरण के अतिरिक्त इस वर्ष 8.69 लाख परियोजनाओं की स्थापना की गई है, जिससे 73.67 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं | इतना ही नहीं, 80 प्रतिशत से अधिक इकाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत से अधिक इकाइयों की अध्यक्षता एससी, एसटी और महिला उद्यमी करती हैं। इतना ही नहीं आकांक्षी जिलों में 14 प्रतिशत से अधिक इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान उपलब्धि 85167 इकाई रही जिसमें 9.37 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए।

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