*कोई राज्य में सीटों के बंटवारा को लेकर होगी चर्चा विपक्षी पार्टियों की अगली मीटिंग शिमला में न होकर अब यह बैठक बेंगलुरु में होगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जानकारी देते हुए कहा कि विपक्षी दलों की मीटिंग 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। सब कुछ ठीक रहा तो 13 जुलाई को विपक्षी खेमे के बड़े बड़े नेता पाहुंचने पर चर्चा होगी और 14 को औपचारिक बैठक | पिछली बैठक में भाग लेने वाली 17 टीमों के अलावा, कई छोटी टीमें भी भाग ले सकती हैं। इनमें आरएसपी, वीसीके, आईयूएमएल, फॉरवर्ड ब्लॉक शामिल हैं। कुल मिलाकर,बेंगलुरु महाबैठक में कम से कम 20 टीमें भाग ले सकती हैं। हालांकि बैठक में आम आदमी पार्टी के शामिल होने को लेकर अभी भी संशय बरकरार है क्योंकि कांग्रेस ने अभी तक दिल्ली अध्यादेश पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है | लेकिन खबर यह की कांग्रेस सदन के फ्लोर में आम आदमी पार्टी को समर्थन दे सकते है | लेकिन अहम बात ये है कि सीट समझौते की चर्चा शायद बेंगलुरु की उस बैठक से शुरू हो सकता है | सूत्रों के मुताबिक, जिन राज्यों में गठबंधन खास जटिल स्थिति में नहीं है, वहां सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू हो सकती है | सुनने में आ रहा है कि बेंगलुरु बैठक में बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस के साथ स्थानीय पार्टियों का गठबंधन होने जा रहा है | इन राज्यों में सीटों के समझौते पर शुरुआती चर्चा बेंगलुरु में होगी | फिर, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां स्थानीय पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन में कोई खास जटिलता नहीं है, उस राज्य में भी सीट समझौते पर चर्चा हो सकती है | सूत्रों का दावा है कि क्षेत्रीय दल चाहते हैं कि कांग्रेस अपना 'अहंकार' छोड़े और अलग-अलग राज्यों की 'वास्तविक' स्थिति के आधार पर सीटों पर दावा करे, इससे सीटों के समझौते में आसानी होगी | हालांकि, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी सीटों के समझौते को लेकर लचीला रुख अपनाए हुए है लेकिन ज्यादा लचीलापन नहीं दिखाएगी। जहां हाथ का खेमा आवश्यकता से अधिक त्याग करने को तैयार नहीं है। इसके अलावा, बंगाल, दिल्ली, पंजाब जैसे राज्यों में गठबंधन को लेकर अभी भी जटिलताएं हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि बेंगलुरु में उन राज्यों पर चर्चा होगी या नहीं |