झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोरचा खोल कर बयानबाजी की है । उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून लाने जा रही है, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुप हैं. इससे सबसे ज्यादा नुकसान हम आदिवासियों को ही होगा। उसके बावजूद एक आदिवासी मुख्यमंत्री का चुप रहना बेहद ही निराशाजनक है।
उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि वह भी एक आदिवासी हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने इस कानून को लेकर और आदिवासियों को होने वाले नुकसान को लेकर कुछ नहीं कहा है। इसलिए दोनों नेताओं को इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसका विरोध करना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में दोनों नेताओं का आदिवासी समाज सड़क पर उतर कर विरोध करेगा।ये बातें उन्होंने मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही.
लोबिन हेंब्रम ने कहा कि वे गुरुजी के चेला हैं. गुरुजी ने हमेशा बताया कि गलत चीज का विरोध करना चाहिए। इसलिए पार्टी में रहकर भी गलत चीजों का विरोध करते हैं। पिछले दिनों पार्टी कार्यसमिति की बैठक में शामिल नहीं होने के बारे में कहा कि पार्टी उनके खिलाफ अनाप-शनाप बोलती है बागी कहती है. इसलिए वह बैठक में क्यों जाएंगे. स्थानीय मुद्दे को लेकर फिर इस बार विधानसभा में अपनी बातों को रखेंगे।