नई दिल्ली : सेना में एकीकृत कमान यानी इंटीग्रेटेड कमांड बनाने पर विचार कर रही है मोदी सरकार, 15 अगस्त को लाल किला से घोषणा कर सकते हैं |
मोदी सरकार सेना में बड़े पैमाने पर बदलाव करने जा रही है | पूर्व सीडीएस दिवंगत बिपिन रावत के सुझाव पर एकीकृत या संयुक्त कमान बनाने के लिए सेना, नौसेना और वायु सेना का विलय करने पर काम अब फाइनल स्टेज पर है। सूत्र बताते हैं कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला के से इस फैसले का ऐलान कर सकते है | आजादी के बाद यह पहली बार है कि सशस्त्र बलों में एकीकृत कमान का गठन किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सेना का जयपुर मुख्यालय पहली एकीकृत कमान होगी, तब लखनऊ की उत्तरी कमान को एकीकृत बनाने का निर्णय लिया गया। यह घोषणा अगले स्वतंत्रता दिवस पर होने की उम्मीद है।
यह पता चला है कि दक्षिण पश्चिमी कमान शुरू में खामियों को दूर करने के लिए एक एकीकृत परीक्षण-प्लेटफार्म के रूप में काम करेगी। ‘वन बॉर्डर वन फोर्स’ की अवधारणा के अनुरूप एक इंटीग्रेटेड या लिंक्ड कमांड बनाई जा रही है | पहले पश्चिमी एकीकृत कमान को सीमा पार से पाक की तोड़फोड़ का मुकाबला करने का काम सौंपा जाएगा।
साथ ही चीन समेत पूरी उत्तरी सीमा लखनऊ या सेंट्रल कमांड के जिम्मे होगी | रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के एक अधिकारी को पहले एकीकृत कमांडर के रूप में नियुक्त करने पर चर्चा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, अगर नियुक्ति वरिष्ठता के अनुसार सिद्धांत पर हुई तो सबसे पहले लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता को कार्यभार मिल सकता है। 1984 में कमीशन प्राप्त हुआ और कोलकाता स्थित पूर्वी कमांडर वर्तमान में जीओसी-इन-सी का पद संभाल रहे हैं। कुछ हलकों से पहले एकीकृत कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर राजू की तलाश की जा रही है। हालांकि, जिसकी भी नियुक्ति होगी, उसकी सेवानिवृत्ति की उम्र 61 साल होगी |
यहां आपको बता दें, 2019 में केंद्र सरकार ने दिवंगत बिपिन रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करके सेना में सुधार का काम शुरू किया था । सरकार को लगता है कि इंटीग्रेटेड कमांड के गठन से सेना की ताकत और बढ़ेगी | रावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालने के बाद ही एक एकीकृत कमान बनाने के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। इस मामले में वह काफी काम कर चुके थे लेकिन दिसंबर 2021 में एक विमान दुर्घटना में रावत की मृत्यु के बाद वह योजना रुक गई थी। अंततः भारत सरकार ने एक बार फिर एकीकृत कमान बनाने की योजना बनाई।