अंतिम तिथि तक एक भी आवेदन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल में नहीं भेजा गया
झारखंड : पांच सितंबर यानी शिक्षक दिवस पर झारखंड के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को राष्ट्रपति से सम्मान नहीं मिलेगा। वर्ष 2023 में झारखंड के शिक्षक राष्ट्रपति सम्मान से वंचित रह जायेंगे। राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए योग्य शिक्षकों को 15 जुलाई तक आवेदन देना था, लेकिन झारखंड से एक भी शिक्षकों ने राष्ट्रपति पुरस्कार को लेकर अपना आवेदन नहीं दिया। आवेदन ऑनलाइन मंगाये गये थे। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने 23 जून को ही पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। राष्ट्रपति पुरस्कार पाने के लिए 10 साल का शिक्षण कार्य के अनुभव के साथ-साथ समाजाक कार्यकलापों को भी संलग्न किया गया था। शिक्षकों की पात्रता निर्धारित की गई थी। सभी दस्तावेजों को पीडीएफ फॉर्मेट में पोर्टल पर आवेदन के साथ-साथ अपलोड करना जरूरी किया गया था।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भेजे गए आवेदन की जांच जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की जाती है। समिति की अनुशंसा के बाद शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति अपनी अनुशंसा राष्ट्रीय जूरी को भेजती है। राज्य से अधिकतम तीन शिक्षकों के नाम की अनुशंसा की जाती है, जिसमें से दो शिक्षकों को सम्मानित करने की परंपरा रही है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार का कहना है कि यह आश्चर्य की बात है कि झारखंड से किसी शिक्षक ने आवेदन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अंतिम दिन पोर्टल में कुछ तकनीकी दिक्कत की शिकायत थी, लेकिन जो लोग आवेदन करना चाहते हैं वे अंतिम दिन तक इंतजार क्यों करते रहे। आवेदन काफी पहले किया जाना चाहिए था। कुछ सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों ने यह बात स्वीकारी की राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए जो अहर्ताएं तय की गयी थी, उसके तहत आवेदन की प्रक्रिया काफी जटिल थी।