मुंबई : रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा देने के लिए छोटे डिजिटल भुगतान की सीमा 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कर दी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक बैठक के बाद कहा कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) और यूपीआई लाइट सहित ऑफलाइन मोड में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए आरबीआई ने प्रति लेनदेन 200 रुपये की सीमा और 2000 रुपये की समग्र सीमा निर्धारित की है। इस मोड से लेनदेन का चलन तेजी से बढ़ने के बाद से लगातार ट्रांजेक्शन सीमा में बढ़ोतरी किये जाने की मांग होती रही है।
भुगतान के इस तरीके को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने और अधिक उपयोग के मामलों को इस मोड में लाने के लिए अब प्रति ट्रांजेक्शन सीमा को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव है। हालांकि, दो-कारक प्रमाणीकरण में छूट से जुड़े जोखिमों को रोकने के लिए कुल सीमा 2000 रुपये पर बरकरार रखी गई है। इस संबंध में जल्द ही निर्देश जारी किये जायेंगे।
दास ने कहा कि यूपीआई-लाइट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) तकनीक का उपयोग करके ऑफलाइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है। यह सुविधा न केवल उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगी जहां इंटरनेट और दूरसंचार कनेक्टिविटी कमजोर है या उपलब्ध नहीं है बल्कि यह गति भी सुनिश्चित करेगी। इस संबंध में एनपीसीआई को जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा यूपीआई पर एक नया भुगतान मोड यानी ‘बातचीत भुगतान’ सेवा लॉन्च करने का प्रस्ताव है। यह यूजरों को सुरक्षित वातावरण में लेनदेन शुरू करने और पूरा करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-संचालित प्रणाली के साथ बातचीत में शामिल होने में सक्षम करेगा।
यह सुविधा स्मार्टफोन और फीचर फोन आधारित यूपीआई चैनल दोनों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे देश में डिजिटल पैठ को मजबूत करने में मदद मिलेगी। शुरुआत में यह सुविधा हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगी और बाद में इसे और अधिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में एनपीसीआई को जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे।
यूपीआई लाइट क्या है ? – यूपीआई लाइट एक ऑन-डिवाइस वॉलेट सुविधा है, जो यूजर्स को यूपीआई पिन का उपयोग किए बिना वास्तविक समय में छोटे मूल्य के भुगतान करने की अनुमति देगी।