26 साल पुराने डोरंडा ट्रेजरी से हुई 36.26 करोड़ की निकासी से जुड़ा है मामला
26 साल पुराने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में रांची सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी समेत 52 लोगों को दोषी करार दिया है। इसमें 35 को बरी कर दिया गया है। सीबीआइ की विशेष अदालत ने 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत की तरफ से जिन्हें सजा सुनायी गयी, उसमें गुलशन लाल आजमानी, सुनील कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिंह , जगदीश प्रसाद, नंद किशोर सिंह, राजीव कुमार , नरेश प्रसाद , रविंद्र प्रसाद , रविंद्र कुमार मेहरा , अजय वर्मा, डॉ हीरालाल और डॉ बिनोद कुमार को तीन साल की सजा सुनायी गयी है। इसके अलावा डॉ. केएम प्रसाद, रामा संकर सिंह, अरुण कुमार वर्मा, गौरी प्रसाद, शरद कुमार, अशोक कुमार यादव, राम नंदन सिंह, अजय कुमार सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह सुरेश दुबे, मदन कुमार पाठक सहित अन्य को दोषी करार दिया गया है।
कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में 35 लोगों को बरी कर दिया है. बरी होनेवालों में एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम शामिल है।
क्या है पूरा मामला
डोरंडा कोषागार से 36.26 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़े मामले में तत्कालीन आपूर्तिकर्ता एवं पूर्व विधायक गुलशन लाल अजमानी समेत 125 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे। यह घोटाला साल 1990 से 1995 के बीच हुआ था। चारा घोटाला मामले में 45 लोक सेवक व 9 महिला आरोपी भी शामिल हैं। ट्रायल के दौरान 62 आरोपियों का निधन हो चुका है। इस केस में 38 लोक सेवक समेत 124 सप्लायर ट्रायल फेस कर रहे थे, जिनमें 16 महिलाएं भी शामिल हैं। कोर्ट ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत किये गये गवाहों और साक्ष्य के आधार पर कई आरोपियों को दोषी करार दिया है। जिनकी सजा की बिंदु पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने 35 आरोपियों को बरी कर दिया है।