नई दिल्ली, 5 सितंबर : अगले कुछ महीनो में लोकसभा चुनाव होने वाला है इसके वजह से फिलहाल तैयारियां जोरों पर हैं | भारत बनाम एनडीए की लड़ाई में विभिन्न राजनीतिक दलों की संपत्ति वृद्धि की जांच का मामला सामने आया है | हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बीजेपी, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआईएम, तृणमूल एनसीपी, बीएसपी और एनपीईपी की संपत्ति की जानकारी सामने लाई है | हालाँकि, जिन राजनीतिक दलों की संपत्ति सामने लाई गई है, उनमें से तृणमूल, सीपीआई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पहले ही राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खो चुकी हैं। राष्ट्रीय मान्यता खोने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस की संपत्ति का ज्यादा बड़ा है
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक (एडीआर) रिफॉर्म एक चुनावी सुधार और अधिकार पर काम करने वाली संगठन है। इस संगठन ने यह जानकारी सामने रखी है कि राष्ट्रीय टीमों ने वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में अपनी आय और व्यय की गणना की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2020-21 में आठ राजनीतिक दलों की कुल संपत्ति 7,297.62 करोड़ रुपये थी। 2021-22 में मामूली बढ़ोतरी के साथ यह बढ़कर 8,829.16 करोड़ रुपये हो गया। 2020-21 में बीजेपी की कुल संपत्ति 4,990 करोड़ रुपये थी | 2021-22 में यह बढ़कर 6,046.81 करोड़ रुपये हो गया। यानी एक वित्त वर्ष में बीजेपी की संपत्ति की वृद्धि दर 21.17 फीसदी है | 2020-21 में कांग्रेस की कुल संपत्ति 691.11 करोड़ रुपये थी | 2021-22 में यह बढ़कर 805.68 करोड़ रुपये हो गया। यानी एक वित्तीय वर्ष में कांग्रेस की संपत्ति की वृद्धि दर 16.58 फीसदी है |
2020-21 में तृणमूल कांग्रेस की कुल संपत्ति 182.001 करोड़ थी। 2021-22 में यह बढ़कर 458.10 करोड़ रुपये हो गया। यानी एक वित्तीय वर्ष में तृणमूल की संपत्ति की वृद्धि दर 151.70 फीसदी है | हिसाब सुनकर हर कोई चौंक जाएंगे, लेकिन आंकड़े तो यही कहते हैं। तृणमूल सीढ़ी से नहीं बल्कि लिफ्ट से ऊपर चढ़ गई | भाजपा और कांग्रेस जैसी देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां तृणमूल से काफी दूर हैं। देश में जहां सिर्फ बंगाल में ही तृणमूल सत्ता में है, वहीं संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी देखकर लोग हैरान हैं।