नए संसद भवन में सांसद कर्मचारियों के लिए बनवाएं नए कपड़े में कमल के फूल,विपक्षियों का विरोध

नई दिल्ली : नए संसद भवन का उद्घाटन 19 सितंबर को होगा, जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है | केंद्र द्वारा संसद भवन के कर्मचारियों के लिए विशेष कपड़े बनाए हैं, जिसमें कमल का डिज़ाइन शामिल है। इसके बाद कांग्रेस ने भगवा खेमे के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला, उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर संसद कर्मियों के कपड़ों पर अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह इस्तेमाल कर रही है | 

सूत्र से मिली खबर के अनुसार, संसद भवन कर्मियों के लिए नेहरू जैकेट और खाकी रंग की पैंट; इस खास ड्रेस को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) ने बनाया है। कॉलर वाले सूट की जगह गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट है | वहीं गहरे गुलाबी रंग की शर्ट पर कमल के फूल का डिज़ाइन होगा, साथ में खाकी पैंट | दोनों भवनों के मार्शलों की वर्दी भी बदली जाएगी, उनके सिर पर मणिपुरी पगड़ी होगी | सुरक्षाकर्मियों के कपड़े भी बदले जायेंगे, सफारी सूट की जगह उन्हें आर्मी स्टाइल के छलावरण वाले कपड़े दिए जाएंगे। 

आरएसएस की वर्दी में अब खाकी शॉर्ट्स की जगह खाकी फुल पैंट को शामिल कर लिया गया है और पद्म फूल बीजेपी का प्रतीक है | कांग्रेस ने सवाल किया है कि क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है |

जैसे ही ये नई ड्रेस जनता के सामने आई, कांग्रेस ने बीजेपी की निंदा शुरू कर दी | कांग्रेस सांसद मणिकम ठाकुर ने कहा, बीजेपी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर संसद कर्मियों के कपड़ों पर अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह इस्तेमाल कर रही है | उन्होंने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सवाल भी पूछा | उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले जी-20 सम्मेलन के लोगो में भी बीजेपी के चुनाव चिन्ह पद्म फूल का इस्तेमाल किया गया था | 

हालांकि, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस बेवजह इसमें राजनीति तलाश रही है | कमल के फूल का देश की संस्कृति से गहरा संबंध है। दरअसल कांग्रेस को भारतीय संस्कृति से दिक्कत है | कांग्रेस सांसद मणिकम ठाकुर ने कहा, ‘संसदीय कर्मियों के कपड़ों में बाघ या मोर का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया ? इन्हें राष्ट्रीय पशु-पक्षियों के रूप में भी महत्व दिया जा सकता था। ऐसा करने के बजाय कमल के फूल को चुना गया है, वास्तव में, यह भाजपा का प्रतीक है’| 

केंद्र द्वारा बुलाया गया विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा | समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विशेष सत्र 18 तारीख को पुरानी इमारत में शुरू हुआ था, लेकिन अगले दिन यानी 19 सितंबर को इसे नए संसद भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा | गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है, मोदी सरकार पहला सत्र इस शुभ दिन से नए भवन में आयोजित करने की सोच रही है | उस दिन एक छोटी पूजा का आयोजन किया जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का आधिकारिक उद्घाटन किया था।  गौरतलब है कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले महीने संसद के विशेष सत्र की घोषणा की थी | उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक होगा | हालांकि, उस वक्त केंद्रीय मंत्री ने उस सत्र के उद्देश्य के बारे में अपना मुंह नहीं खोला था | इसके बाद ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर अटकलें शुरू हो गईं, देश का नाम बदलकर भारत करने जैसे हजारों विषय इस सत्र में उठाए जा सकते हैं | महिला संरक्षण बिल को लेकर साउथ ब्लॉक में काफी हलचल है, सुनने को यह भी आ रहा है कि सरकार महिला संरक्षण बिल इस बार संसद में पेश कर सकते हैं | 

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