नई दिल्ली : बीजेपी ने जारी किया व्हिप, सभी सांसदों को संसद के आगामी विशेष सत्र में भाग लेना होगा | केंद्र ने 18-22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है | गेरुआ खेमे ने पार्टी के सभी सांसदों को उन पांच दिनों में उपस्थित रहने का आदेश दिया, जो काफी महत्वपूर्ण है | केंद्र ने बुधवार को संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा की | बताया गया है कि उस विशेष सत्र में भारतीय लोकतंत्र के 75 साल के इतिहास पर चर्चा होगी |
दरअसल, इस विशेष सत्र में सरकार पुरानी संसद को अलविदा कहकर नई संसद में प्रवेश करेगी | चर्चा के अलावा सरकार विशेष सत्र में चार विधेयक भी पेश करेगी, इनमें सबसे महत्वपूर्ण है मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्ति विधेयक। इसके साथ ही पोस्ट ऑफिस बिल, एडवोकेट अमेंडमेंट बिल और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन बिल पेश किया जाएगा |
यानी एजेंडे में कोई विवादास्पद बिल नहीं है | सरकार जो चार बिल पेश करने वाली है, उनमें मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को छोड़कर बाकी बिलों पर विपक्ष को कोई खास आपत्ति नहीं है | तो फिर इतनी जल्दी में पार्टी के सभी सांसदों को पेश होने का आदेश क्यों दिया गया है ? तो क्या केंद्र के पास घोषित चार विधेयकों के अलावा कोई गुप्त एजेंडा है ? यह सवाल विपक्ष उठा रहे है | हालाँकि, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पहले ही यह आशंका व्यक्त कर चुकी है। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर कहा, “मुझे यकीन है कि असली बिल की आस्तीन में एक ग्रेनेड छिपा हुआ है। उन्हें आखिरी वक्त पर बाहर निकाला जाएगा, पर्दे के पीछे कुछ और भी है।” दूसरे शब्दों में कहें तो तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस इंडिया के साथियों को डर है कि जिन बिलों के आने की अटकलें लगाया जा रहा है, कहीं मोदी सरकार ऐन वक्त पर उन्हें अपने झोली से न निकाल ले