लिंग्याज विद्यापीठ डीम्डू-टू-बी यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन

इम्पावरिंग इनोवेशन एंड लीडरशीप फॉर थराईविंग स्टार्ट-अपस् रहा थीम, देश-विदेश से लगभग 500 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा 

फरीदाबाद : लिंग्याज विद्यापीठ डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की ओर से आईसीएसएसआर के सहयोग से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसकी थीम इग्नाइटः इम्पावरिंग इनोवेशन एंड लीडरशीप फॉर थराईविंग स्टार्ट-अपस् रहा। 

इस कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर डॉ अतुल खोसला, वाइस चांसलर शूलिनी यूनिवर्सिटी, गेस्ट ऑफ ऑनर प्रोफेसर डॉ जस्टिन पॉल, एडिटर इन चीफ इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कन्जयूमर स्टडीज, विले पब्लिकेशन और पैनेल स्पीकर प्रोफेसर कोकिल जैन डीन रिसर्च एफआईआईबी, प्रोफेसर डॉ अमित सेठ डायरेक्टर मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टियूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज, प्रोफेसर डॉ संदीप ग्रोवर, संतोष वेंकटेश्वर के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनिवर्सिटी चांसलर डॉ. पिचेश्वर गड्ढे, प्रो. चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) एम. के. सोनी तथा रेजिस्ट्रार प्रेम कुमार सालवान और डॉ स्मृति महाजन द्वारा की गई। 

इस कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पिचेश्वर गड्ढे ने कहा कि आज के समय में रिसर्च का महत्त्व हर क्षेत्र में देखने को मिलता है। जरूरत है कि इस दिशा में होने वाले प्रयास समाजोपयोगी व उससे संबंधित समस्याओं के निदान पर केंद्रित हों। इसके पश्चात कांफ्रेंस की स्मारिका का विमोचन किया गया। 

इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ जस्टिन पॉल ने विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च और उसके व्यावहारिक प्रयोग पर विस्तार से चर्चा की। दो दिवसीय सम्मेलन बहुत ही उल्लासपूर्ण रहा और समापन समारोह में प्रोफेसर एम एन हुडा, डायरेक्टर, भारती विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ कम्पयूटर एप्लिकेशन एंड मैनेजमेंट और प्रो डॉ अनिल सरीन पोस्ट डॉक्टरेट डीलिट मैनेजमेंट, पीजीडीबीएम, आईएमआई मुख्य रूप से मौजूद रहे। इस दौरान लगभग 120 शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं द्वारा रिसर्च पेपर प्रजेंटेशन दी गई। इसमें लगभग 500 विषय विशेषज्ञों एवं शोर्धार्थियों ने भाग लिया। समापन सत्र में श्रेष्ठ पेपर प्रस्तुतीकरण के लिए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। पहला पुरस्कार अंकिता गुलाटी रिसर्च स्कोलर और युक्ता को, नीतिशास्त्र, अस्सिटेंट प्रोफेसर और अंकित को दूसरा और विमल को तीसरा पुरस्कार मिला। 

अंत में डीन अकेडमिक प्रोफेसर डॉ सीमा बुशरा ने देश विदेश से पधारे अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कॉन्फ्रेंस के मुख्य समन्वयक एवं विभिन्न समिति समन्वयकों एवं उनके सहयोगियों को कार्यक्रम की सफलता हेतु बधाई दी।

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