अमृत काल में नए भारत की नई दिवाली मनाएं, युवा नवीन  संकल्पों के दीप जलाएं

विराट सिंह ( सचिव भाजपा युवा मोर्चा मुंबई)

 मेरा नया भारत अपनी नई  पहचान और नए कीर्तिमानों के साथ बदल रहा है। ‘अप्प दीपो भव’ ( स्वयं दीपक बनो) और स्वयमेव मृगेन्द्रता  ( आत्मनिर्भरता ) का सन्देश देनेवाले हमारे  भारत देश का युवा वर्ग 75 वर्षों की आज़ादी के बाद भी मानसिक ग़ुलामी और सामाजिक कुरीतियों की ज़ंजीरों  में जकड़ा हुआ है। भारतीय युवाओं की असीम शक्ति को राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से जोड़ने की आवश्यकता है।  प्रबुद्ध वर्ग का युवा देश -विदेश में प्रगति और समृद्धि के नए अध्याय लिख रहा है, वहीं  मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा जीवन के बुनियादी साधनों के लिए संघर्षरत हैं, गरीबी ,बेरोजगारी और सामाजिक विषमताओं की बाधाओं से लड़ते-लड़ते युवाओं की सांसे फूल रही है।  ऐसे समय युवाओं को मार्गदर्शन और समुपदेशन की बहुत ज़रूरत है।

आज अमृत काल में विकसित भारत बनाने के सपने को युवा साकार करेंगे, ऐसी आशा और विश्वास को प्रबल करने की आवश्यकता है। इसके लिए  युवाओं का बौद्धिक जागरण सोशल मीडिया और प्रसार माध्यमों के द्वारा किया जाना चाहिए, जो देशप्रेम और राष्ट्रवादी चेतना के संचार से ही संभव है। ‘आजादी के अमृत काल’ के विविध आयोजन दीपावली के त्यौहार के साथ- साथ मनाए जाने चाहिए।

अमृत काल के नए संदर्भ :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर को ‘आजादी का अमृत महोत्सव ‘ मनाया गया। ‘आजादी का अमृत काल’ 15 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2047 तक है। इन 25 वर्षों के कालखंड में भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में निर्मित करने का सपना प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 12 मार्च 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के उद्घाटन के दौरान साझा किया था। यह तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि, इसी दिन महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी।आजादी के इस अमृत महोत्सव को मनाये जाने का कारण भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति है। आजादी के अमृत महोत्सव के जरिए आजाद भारत के लोगों को स्वतंत्रता और लोकतंत्र के सही मायने जानने जरूरी हैं। उन्हें यह भी याद दिलाना जरूरी है कि बीते 75 वर्षों में भारत प्रगति के रास्ते में कहां तक पहुंचा है। यह आत्ममंथन और आत्मावलोकन से हम सब जान सकते हैं।

प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष पूरे होने और यहां के युवा, संस्कृति और सभ्यता का महापर्व दिवाली में उत्सव सिर्फ दीपकों, पटाखों, रोशनी की झालरों , झांकियों और कर्मकांडों तक  और रंगोली तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस दौरान सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक इत्यादि क्षेत्रों में उपलब्धियों को और कमियों को समझने का दौर है। इसी से प्रेरित होकर अगले 25 वर्षों में भारत के एक विकिसत राष्ट्र बन जाने के सपने को साकार करने के संकल्प को बल दे रहा है।

भारत की असीम युवा शक्ति : कोई भारत से पूछे की भारत के पास क्या है तो हम कहेंगे भारत के पास सबसे समृद्ध ज्ञान परंपरा के साथ युवा शक्ति की असीम संभावनाओं और अवसरों की शक्ति है।यह बल भारत का विशाल और सक्षम युवा वर्ग है। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाले देश के रूप में भारत 3560 लाख  युवाओं के साथ शीर्ष पर है। भारत की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम और 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। भारत की विस्तारित अर्थव्यवस्था युवाओं के लिए नए अवसर पैदा कर रही है। देश की बेरोजगारी दर छह वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। विकास का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों तक समान रूप से पहुंच रहा है। इससे गांवों और शहरों दोनों में अवसर बढ़ रहे हैं। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

भारत के हर युवा को अपने अंदर के ज्ञान ,गुण और उर्जा का संचार देश और अपने समाज के हित के लिए करना है,युवा शक्ति को शत-शत नमन है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी जी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को संभव बनाने की शक्ति और क्षमता को उजागर किया है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है।नए भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को प्रगति की ओर ले जाने वाली सभी चीजों का मूल रूप एक है।

आज भारत एक परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है। यही नहीं चांद और मंगल पर मानव मिशन भेजने वाले देशों की सूची में भारत का भी नाम शामिल कर लिया गया है। यह हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। उत्पादन में भी भारत ने कई देशों को पीछे छोड़ दिया है। भिन्न-भिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी भारतीय खिलाड़ी विश्व में अव्वल आ रहे हैं। हाल ही में भारत ने हांगझोऊ 2023 में आयोजित एशियन गेम्स में 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य समेत कुल 107 पदक जीते। ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ओलंपिक में 100 मेडल और क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत कुछ शुभ संकेत मात्रा हैं,  युवा शक्ति को संतुलित और सही दिशा निर्देश की जरूरत है, संस्कृति और सभ्यता के साथ-साथ देश के प्रति  देश  भक्ति का भाव भारत के युवा को असली दिवाली की जगमग अनुभूति कराता है, हर युवा के अंदर राम राज्य के भावना ही राम राज्य के महासंकल्प को साकार कर सकता है।

युवा नवजागरण की ज़रूरत : आज की युवा पीढी आजादी के संघर्ष और लोकतंत्र के महत्व को उतने बेहतर ढंग से नहीं जानती है। कई विचार धाराओं में बंटी यह पीढ़ी गुमराह है। कल जिनके कंधों पर देश की जम्मेदारी होगी उन्हें ये बताना जरूरी है कि भारत को आजाद कराने के लिए किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और क्या-क्या कुर्बानियां देश को देनी पड़ी। युवा वर्ग को आगे की चुनौतियों से भी अवगत कराना हम सबकी जिम्मेदारी है। बेशक स्कूल-कॉलेज में पढ़ाए गए देश के इतिहास से उन्हें आजादी के बारे में कुछ हद तक जानकारी मिल जाती है। लेकिन वे करीब से आजादी के संघर्ष की कहानी को नहीं जानते हैं। इतिहास की बहुत सी बातें पाठ्यक्रम में नहीं हैं, जिन्हें जानना और बताना जरूरी है। इसके लिए सरकार की नयी शिक्षा नीति आवश्यक कदम उठा रही है।

भारत की सदी और भारत 2.0  : भारत को उसकी विकास यात्रा में आगे लाने में युवाओं ने ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को संभव बनाने की शक्ति और क्षमता भी इसी युवा वर्ग में है। मगर आज बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई भारतीय युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्याएं हैं। भारत अधिक कुशल कार्यबल तैयार कर रहा है जो महज यांत्रिकी, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है। ऐसे सभी प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि आज देश में बेरोजगारी दर पिछले छह वर्षों में सबसे कम है।भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और इसके विस्तार से युवाओं के लिए नई संभावनाएं और रास्ते खुले हैं।युवाओं को देश के प्राकृतिक और खनिज संसाधनों का अधिकतम लाभ उठाते हुए इकोसिस्टम को और बेहतर बनाने में योगदान देना चाहिए।

उभरती महाशक्ति : भारत को विश्व अर्थव्यवस्था में एक उभरती महाशक्ति माना जाता है। आजादी के इस अमृत काल में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें नंबर पर आ गई है और जल्दी ही तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगी। भारत ने यह उपलब्धि ग्रेट ब्रिटेन को पछाड़ हासिल की है। अब अमरीका, चीन, जापान और जर्मनी ही ऐसे देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है। आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2021-22 में 3.23.2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2026-27 में 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगा। चाणक्य (कौटिल्य)के अर्थशास्त्र से प्रेरणा लेकर भारत नई वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी मौलिक और स्थाई जगह बना चुका है।विकसित भारत बनाने का सपना  अब साकार  हो रहा है।  चाणक्य और विवेकानंद की नीतियों से प्रेरित होकर बड़े -बड़े काम अंजाम देना हमारे देश के युवाओं का उद्देश्य होना चाहिए। बेशक 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था भारत तब बन जाएगा जब देश के युवा अपने मन और कर्म के साथ देश से जुड़ेगा।

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम : मौजूदा सरकार नई शिक्षा नीति और अधिक मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम और अन्य संस्थान खोलने और ‘पीएम कौशल विकास’ योजना के माध्यम से करोड़ों युवाओं को प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम को चला रही है। साथ ही उन पारंपरिक क्षेत्रों के लिए भी प्रतिबद्ध है जो नौकरियां पाने में मदद और नए क्षेत्रों का निर्माण करते हैं जो रोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देते हैं। डिजिटल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देनेवाली योजनाएं सरकार ने युवाओं के लिए बनाई है।  

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम (आरवाईएसके) योजना के कार्यक्रम निम्नलिखित सात उप-योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित किए जाते हैं: -नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस),राष्ट्रीय युवा कोर (एनवाईसी),युवा और किशोर विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीवाईएडी),अंतर्राष्ट्रीय सहयोग,युवा छात्रावास (वाईएच), स्काउटिंग और गाइडिंग संगठनों को सहायता, राष्ट्रीय युवा नेतृत्व कार्यक्रम (एनवाईएलपी)। आरवाईएसके की एनवाईकेएस उप-योजना के अंतर्गत, वर्तमान में 2.57 लाख युवा मंडलों के माध्यम से लगभग 50.34 लाख युवा स्वयंसेवक नामांकित हैं और देश भर के 623 जिलों को कवर करते हैं। आरवाईएसके योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, साहसिक कार्य, युवा नेतृत्व और व्यक्तित्व विकास, किशोरों का विकास और सशक्तिकरण, तकनीकी और संसाधन विकास को बढ़ावा देना है।

‘मेरा युवा भारत’ मंच : राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर देश के युवाओं के लिए ‘मेरा युवा   भारत (माई भारत)’ मंच का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 अक्टूबर,2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए “मेरा युवा भारत (माई भारत)” नामक एक स्वायत्त निकाय की स्थापना को मंजूरी प्रदान की थी।’मेरा युवा भारत (माई भारत)’ की परिकल्पना युवाओं के विकास और युवाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए एक महत्वपूर्ण, प्रौद्योगिकी संचालित सुविधाप्रदाता के रूप में की गई है, जिसका लक्ष्य सरकार के संपूर्ण दायरे में युवाओं को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने और “विकसित भारत” के निर्माण में योगदान देने के लिए सशक्त बनाने हेतु समान अवसर प्रदान   करना है।

युवा शक्ति का अमृत काल : युवा वर्ग अपनी काबिलियत से लगातार उन्नति और सफलता के परचम लहरा रही है और देश के विकास में सहयोग कर रही है। भारत आज एक बड़ी अर्थव्यवस्था और हर क्षेत्र में विकास वाला देश बन गया है। भारत सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के साथ लगातार अपनी योजनाओं के माध्यम से लोगों तक सेवाएं पहुंचा रही है जिससे वर्तमान भारत की तस्वीर बदल गई है। आज भारत को दुनिया सम्मान की नजरों से देख रही है। अब ‘आजादी का अमृत काल’ हर युवा भारतवासी के लिए महत्वपूर्ण है।

हमारा देश युवा भारत है इस देश में युवा विचार का अवतरण होना और उनके नीतियों को ले कर चलना हमारे देश की युवा शक्ति का काम है! प्रगतिशील भारत 5 ट्रिलियन संभावनाओं का भारत तभी बनेगा जब देश का युवा अपने कर्म और मन  से देश के साथ जुड़ेगा, हमारे देश के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चलेगा तब जा कर असली दिवाली होगी। हर युवा भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति के साथ नई संभावनाओं और सफलताओं की दिवाली मनाएगा! राष्ट्र प्रेम सर्वोपरी है साथियों क्योंकि जन्मभूमि भारत, मातृभूमि है ,स्वर्गभूमि है, देवभूमि है।वह स्वर्णिम दिवाली का दिन होगा जब भारत का हर युवा सक्षम, कुशल और  विश्व स्तर पर प्रतियोगी क्षमताओं से युक्त होगा। यह यात्रा लम्बी है और चुनौतियों से भरी है पर हमारा संकल्प भी हिमालय के शिखर जैसा है।

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