यमुनानगर : गांव मंडेबरी, पंजेटे का माजरा और फूंसगढ़ में जहरीली शराब से आठ मौतों के बाद गमगीन माहौल है। गांव में हर कोई इस बारे में ही बात कर रहा है। श्मशान घाट से लेकर मृतकों के घरों तक मातम पसरा है। लोग शराब का नाम लेने से भी डर रहे हैं। गांव की महिलाएं पुलिस कार्रवाई पर संतोष जता रही है। उनका कहना है कि शराब का ठेका बंद हो गया है। इस ठेके की वजह से ही गांव के लोग शराब के आदी हो रहे हैं। ठेके पर इसी तरह से सील लगी रहे। गांव के हालातों का जायजा लिया गया तो हर कोई लगातार हो रही मौतों से दुखी दिखाई दिया। सभी लोगों को एक जैसे ही लक्षण हुए। पहले उल्टियां हुईं और एक-एक कर छह की मौत हो गई। गाबा अस्पताल के डाक्टर बीएस गाबा का कहना है कि उनके पास दो मरीज आए थे। एक की यहां आते ही मौत हो गई थी। एक का अभी इलाज चल रहा है। शराब पीना भी मौत की वजह हो सकता है। उधर, पुलिस ने मंडेबरी के एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
गांवों में शव आते रहे, ग्रामीण संस्कार करते रहे– मरने वालों में गांव मंडेबरी निवासी 52 वर्षीय सुरेंद्र पाल, 27 वर्षीय विशाल, 32 वर्षीय सोनू, 45 वर्षीय सुरेश शामिल है। इस गांव के विपन और प्रिंस का निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। गांव पंजेटो का माजरा में 70 वर्षीय मेहरचंद, 56 वर्षीय श्रवण की मौत हुई है। दोनों गांव बिल्कुल सटे हैं। मरने से पहले कुछ की आंखों की रोशनी भी गई थी। इनमें से किसी की मंगलवार की रात को हालत बिगड़ी तो किसी की बुधवार अलसुबह तीन बजे हालत बिगड़ी। किसी की दो घंटे के बाद मौत हो गई तो किसी की चार घंटे के बाद मौत हो गई। गांव में एक-एक कर शव आते रहे। ग्रामीण भी संस्कार करते रहे। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। गाबा अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली तो हरकत में आई। गाबा अस्पताल में विशाल व प्रिंस को दाखिल कराया गया था। ग्रामीणों और स्वजन का कहना है कि गांव में अवैध रूप से शराब बिक रही है। जहरीली शराब पीने से ही लोगों की हालत बिगड़ी और मौत हो गई।
स्वजन बोले- गांव में बिकती अवैध शराब– मृतकों के स्वजन राकेश और सोनू का कहना है कि सभी आठ लोगों ने शाम के समय देसी शराब पी थी। उसके बाद उनकी उनकी तबीयत बिगड़ती गई। उनके गांव में अवैध शराब भी बिकती है। गांव में शराब का मंजूरशुदा ठेका भी है। छह लोगों की मौत हो जाने के बाद ग्रामीण घबराए हुए हैं। मरने वाले सभी दिहाड़ीदार मजदूर थे।
जांच के लिए टीम भेजी जाएगी : सिविल सर्जन डाक्टर मनजीत सिंह का कहना है कि सरकारी अस्पताल में कोई भी मरीज नहीं आया। उनको भी घटना के बारे में पता चला है। जो मरीज अस्पताल में दाखिल हैं। वहां पर टीम भेजी जाएगी।
हमारे ठेके की शराब नहीं है, जांच का काम पुलिस का : डीईटीसी जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) सरोज का कहना है कि जिस शराब से लोगों की मौत हुई है। वह हमारे ठेकों की ही नहीं है। उस शराब पर नवंबर 2021 का बैच नंबर है। इस बैच की शराब हमारे किसी भी ठेके पर नहीं है। यह शराब कहां से आई है? यह जांच करना पुलिस का काम है।
पुलिस का दिनभर नहीं चला घटना का पता – जिन लोगों की मौत हुई है। उनकी हालत मंगलवार की रात से बिगड़नी शुरू हो गई थी। सभी को उल्टियां लग रही थी। उनकी मौत होती गई और ग्रामीण संस्कार करते गए। इसकी भनक पुलिस को भी नहीं लगी। जब शाम को जहरीली शराब से मौत होने का शोर मचा तो पुलिस हरकत में आई, लेकिन गांव में कोई भी बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा। गांव में फर्कपुर चौकी के प्रभारी मनोज गए थे। इसकी वजह यह है कि बुधवार को सीएम जिले के दौरे पर थे। जो देर शाम तक चलता रहा। शाम को गाबा अस्पताल में पुलिस अधिकारी पहुंची और डाक्टरों से इस मामले की जानकारी ली।
मंडेबरी के रोकी पर केस – एसपी गंगााराम पुनिया का कहना है कि अस्पताल से सूचना मिली थी। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई है। मृतक विशाल का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद ही सही वजह स्पष्ट हो जाएगी। इस मामले में गांव मंडेबरी के ही रोकी पर केस दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है कि यह शराब कहां से सप्लाई हुई थी।