नई दिल्ली: भारत से विदेशी बाजारों में वाणिज्यिक माल बेचने के कारोबार में सुधार के प्रारंभिक संकेत दिखाते हुए देश का वाणिज्यक निर्यात अक्टूबर 2023 में पिछले वर्ष के इसी माह की तुलना में 6.21 प्रतिशत बढ़कर 33.57 अरब डॉलर रहा। अक्टूबर 2022 में यह 31.60 अरब डॉलर था। इस बार अक्टूबर में आयात भी पिछले वर्ष के इसी माह के 57.91 अरब डॉलर के मुकाबले 65.03 अरब डॉलर रहा, जो 12.30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अक्टूबर 2023 में वाणिज्यक वस्तुओं के आयात निर्यात में व्यापार घाटा (निर्यात की तुलना में आयात की अधिकता) 31.46 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बरथवाल ने अक्टूबर के निर्यात के आंकड़ों पर टिप्पणी की कि ‘यह निर्यात कारोबार में सुधार के अंकुर दिख रहे हैं।’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार अक्टूबर महीने में 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 22 के माल का निर्यात सालाना आधार पर सुधरा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, “अप्रैल-अक्टूबर 2023 की अवधि में वाणिज्यक वस्तुओं का निर्यात 244.89 अरब डॉलर था, जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान यह 263.33 अरब डॉलर था।”
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर 2023 की अवधि में वाणिज्यक वस्तुओं का आयात 391.96 अरब डॉलर था, जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान यह 430.47 अरब डॉलर था।
अप्रैल-अक्टूबर 2023 में व्यापार घाटा एक साल पहले की तुलना में सीमित हो कर 147.07 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 167.14 अरब डॉलर था।
विज्ञप्ति में कहा, “अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात 178.42 अरब डॉलर था, जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2022 में यह 182.24 अरब डॉलर था।” अप्रैल-अक्टूबर 2023 में गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न और आभूषण (सोना, चांदी और कीमती धातु) आयात 246.50 अरब डॉलर था, जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2022 में यह 260.01 अरब डॉलर था। अक्टूबर 2023 में भारत का कुल निर्यात (माल और सेवाएँ संयुक्त) 62.26 अरब होने का अनुमान है, जो अक्टूबर 2022 की तुलना में 9.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अक्टूबर 2023 में कुल आयात 79.35 अरब डालर होने का अनुमान है, जो साल-दर-साल 11.10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इस वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में कुल निर्यात (माल और सेवाओं सहित) 437.54 अरब डलार रहने का अनुमान है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 444.70 अरब डालर था। इस दौरान कुल व्यापार घाटा एक साल पहले के 89.86 अरब डालर की तुलना में घट कर 57.64 अरब डालर रहा।
भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने अक्टूबर निर्यात के आंकड़ों पर कहा कि इंजीनियरिंग सामान का निर्यात अक्टूबर में 8.09 अरब डॉलर रहा जो अक्टूबर 2022 के 7.55 अरब डॉलर से सात प्रतिशत अधिक सालाना वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह लगातार तीसरा महीना है जब इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। इसका श्रेय मुख्य रूप से अनुकूल तुलनात्मक आधार को दिया जा सकता है। हालांकि पिछले महीनों में देखी गई सकारात्मक वृद्धि आश्वस्त करने वाली है, लेकिन प्रमुख विकसित सदेशों की अर्थव्यवस्थाओं में भू-राजनीतिक तनावों के प्रभाव और मांग में मंदी निर्यातक समुदाय के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।” रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा।, “त्योहारी कैलेंडर में बदलाव को देखते हुए, हमने उम्मीद की थी कि अक्टूबर 2023 में व्यापारिक व्यापार घाटा बढ़कर 22.8 अरब डॉलर हो जाएगा। अनुमान से अधिक व्यापारिक घाटा सोने, तेल के साथ-साथ शेष आयात के कारण रहा, जिसमें मोटे तौर पर निर्यात शामिल था। उन्होंने यह भी कहा कि नवंबर में छुट्टियों की अधिक संख्या को देखते हुए निर्यात की तरह गैर तेल आयात में भी कमी आनी चाहिए। हमारा अनुमान है कि चालू माह में व्यापार घाटा 22-25 अरब डॉलर रहेगा। अक्टूबर 2023 महीने में निर्यात में वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में लौह अयस्क, सिरेमिक उत्पाद और कांच के बर्तन ), तंबाकू , अनाज की तैयारी और विविध प्रसंस्कृत वस्तुएं , मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद , कपास यार्न/फैब्स शामिल हैं। मेड-अप्स, हथकरघा उत्पाद आदि , तिलहन , दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स , इलेक्ट्रॉनिक सामान , फल और सब्जियां , खाद्य तेल ), कालीन , प्लास्टिक और लिनोलियम , मसाले , मानव निर्मित यार्न/फैब्स/मेड-अप्स आदि , कॉफी , समुद्री उत्पाद , इंजीनियरिंग सामान , हस्तशिल्प को छोड़कर हाथ से बना कालीन, चाय और काजू जैसे उत्पाद शामिल हैं।